बिल्डर्स ने किया अप्लाई, अफसरों को नहीं दिया दिखाई

Edited By pooja verma,Updated: 02 Oct, 2019 01:47 PM

builders applied officers were not seen

पर्यावरण एवं वन्यजीव कानून को ताक पर रखकर प्रस्तावित निर्माणकार्यों ने शहर के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

चंडीगढ़ (अश्वनी) : पर्यावरण एवं वन्यजीव कानून को ताक पर रखकर प्रस्तावित निर्माणकार्यों ने शहर के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसा इसलिए है कि कई बिल्डर्स ने निर्माणकार्य की मंजूरी लेने के लिए ऑन लाइन आवेदन किया लेकिन अधिकारियों ने इन आवेदनों पर नजर तक नहीं डाली। नतीजा, बिल्डर्स ने भी इस बात का फायदा उठाते हुए बिना मंजूरी के ही निर्माणकार्य कर लिया है। 

 

बिल्डर्स की ऑनलाइन सब्मिट की गई एप्लीकैशन्स पर नजर डाली जाए तो 2018 में 4 बिल्डर्स ने ऑन लाइन आवेदन किया लेकिन आज तक इन आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। नियमानुसार ऑन लाइन सब्मिट किए गए इन आवेदनों की जांच-पड़ताल चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन के स्तर पर की जाती है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ही यह तय करता है कि आवेदन सही है या नहीं। 

 

इसी के आधार पर आवेदनकर्ता  से दस्तावेजों की मांग की जाती है ताकि योजना को स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की बैठक के एजैंडे में शामिल किया जा सके। स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ से मंजूरी के बाद योजना को मंजूरी के लिए नैशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ को भेजा जाता है और नैशनल बोर्ड से मंजूरी के बाद ही आवेदनकत्र्ता को प्रस्तावित योजना का निर्माणकार्य करने की अनुमति मिलती है। बावजूद आज तक इन आवेदनों की जांच-पड़ताल तो दूर की बात, इन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। 

 

5 बिल्डर्स को जवाब भेजकर हुए मौन 
2016 में करीब 4 बिल्डर्स ने निर्माणकार्य की मंजूरी को लेकर ऑनलाइन आवेदन किया लेकिन यह मामले भी खानापूर्ति तक सीमित हो गए। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के कार्यालय ने इन आवेदनों पर कुछ प्रश्नचिह्न लगाए और पूरा मामला यहीं ठप कर दिया। अधिकारियों ने यह तक जांच-पड़ताल करने की जहमत नहीं उठाई कि आवेदनकत्र्ता ने इमारत का निर्माणकार्य मुक मल कर लिया है या नहीं। उधर, अधिकारियों के इस रवैया का फायदा उठाते हुए अमूमन बिल्डर्स ने तमाम निर्माणकार्य मुकम्मल कर लिए हैं।

 

प्रशासक बदनौर को भी किया अनसुना
निर्माण योजनाओं के संचालकों द्वारा किए गए आवेदनों के मामले में अधिकारियों ने पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ प्रशासक वी.पी.बदनौर के आदेशों को अनसुना करने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। मई 2017 में स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की बैठक के दस्तावेजों पर नजर डाली जाए तो इस बैठक में 3 निर्माण योजनाओं के संबंध में आए आवेदनों को मंजूरी देकर नैशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ के पास भेजने की सिफारिश की गई थी। बावजूद इसके आज तक इन योजनाओं से जुड़े दस्तावेजों को नैशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ के पास नहीं भेजा गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!