सैल्फ सर्टीफिकेशन से 15 दिन में शुरू हो पाएगी बिल्डिंग की कंस्ट्रक्शन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Apr, 2018 09:32 AM

building construction

अब दो कनाल तक के मकानों के बिल्डिंग प्लान, रिवाइज्ड बिल्डिंग प्लान अप्रूव करवाने के लिए भी लोगों को या आर्कीटैक्ट्स को इस्टेट ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

चंडीगढ़(विजय) : अब दो कनाल तक के मकानों के बिल्डिंग प्लान, रिवाइज्ड बिल्डिंग प्लान अप्रूव करवाने के लिए भी लोगों को या आर्कीटैक्ट्स को इस्टेट ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। चंडीगढ़ प्रशासन ने चंडीगढ़ बिल्डिंग रुल्स (अर्बन) 2017 में अमेंडमैंट कर सेल्फ सर्टीफिकेशन को दो कनाल तक की रेजीडैंशियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिंग्स के लिए भी वीरवार को नोटिफाई कर दिया है। इस नए सिस्टम से यह फायदा होगा कि अभी जहां मैनुअल बिल्डिंग प्लान अप्रूवल के लिए तीन महीने तक लग जाते थे वहीं अब यही काम तीन से चार दिनों में कंप्लीट हो जाएगा। 

हाल ही में कमर्शियल बिल्डिंग्स के प्लान को जब आर्कीटैक्ट्स ने सेल्फ सर्टीफिकेशन की थी तो पूरा प्रोसेस तीन से चार दिनों में पूरा हो गया था। अब यही सिस्टम रेजीडैंशियल और इंडस्ट्रीयल बिल्डिंग्स पर भी अप्लाई होगा। अगर कोई ऑब्जैक्शन नहीं आती है तो बिल्डिंग प्लान सब्मिट करवाने के 15 दिन बाद कंस्ट्रक्शन शुरू की जा सकती है। 

प्रशासन द्वारा सिस्टम को आसान किया जा रहा है लेकिन इसमें जिम्मेदारी भी ओनर और उस आर्कीटैक्ट की होगी जो सेल्फ सर्टीफिकेशन करेंगे। इस्टेट ऑफिस की इंस्पैक्शन के बाद अगर बिल्डिंग बायलॉज के हिसाब से कोई गड़बड़ कंस्ट्रक्शन में मिलती है तो काऊंसिल ऑफ आर्कीटैक्ट को कार्रवाई और उसका लाइसैंस कैंसिल करने के लिए केस भेजा जाएगा जिसके साथ ही चंडीगढ़ में काम करने की परमिशन उस आर्कीटैक्ट को नहीं दी जाएगी। इसके अतिरिक्त पैनल्टी का प्रावधान भी नोटिफिकेशन में रखा गया है। 

मोहाली की तर्ज पर अडॉप्ट किया सिस्टम :
चंडीगढ़ प्रशासन ने यह पूरा सिस्टम मोहाली की तर्ज पर अडॉप्ट किया है। इससे पहले प्रशासन कमर्शियल प्रॉपर्टी को लेकर सेल्फ सर्टीफिकेशन का सिस्टम शुरु कर चुका है। इसका फायदा ये कि लोगों को जहां या तो इस्टेट ऑफिस जाना पड़ता था वहीं इस सिस्टम में सिर्फ रजिस्टर्ड आर्कीटैक्ट ही बिल्डिंग प्लान प्रशासन की तरफ से जारी किए गए निर्देशों के तहत सर्टीफाइड कर देगा जिसकी फीस प्रशासन को जमा करवानी पड़ेगी। 

10 लाख की कंस्ट्रक्शन पर देना होगा लेबर सैस :
प्रशासन ने कंस्ट्रक्शन पर भी लेबर सैस लगाने के आदेश दिए हैं। हालांकि लेबर सेस 10 लाख रुपए से अधिक की कंस्ट्रक्शन पर देना होगा। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अगर कंस्ट्रक्शन कॉस्ट 10 लाख रुपए से ज्यादा की हुई तो लेबर सैस बूथ ऑनर के लिए कॉस्ट का 1 प्रतिशत अमाऊंट 1000/-पर स्कवेयर फीट और शॉप, सर्विस शॉप, एस.सी.ओ., एस.सी.एफ. के लिए कंस्ट्रक्शन की कॉस्ट का एक प्रतिशत लगेगा।

फायर सेफ्टी सर्टीफिकेट भी देना होगा :
बिल्डिंग का निर्माण फायर सेफ्टी नॉर्म्स के तहत होना चाहिए। कमर्शियल, रेजीडैंशियल और इंडस्ट्रीयल बिल्डिंग्स के ऑनर्स को फायर सेफ्टी सर्टीफिकेट सब्मिट करवाना होगा। इसे रजिस्टर्ड आर्कीटैक्ट सर्टीफाई करेगा। 

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