बुड़ैल जेल को राजपथ की झांकी बनाने को लेकर बना विवाद

Edited By Priyanka rana,Updated: 13 Oct, 2019 02:35 PM

burail jail

चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल की 26 जनवरी को राजपथ पर झांकी निकालने को लेकर विवाद पैदा हो गया है। शहर के बाशिंदों का कहना है कि बुड़ैल जेल कोई आदर्श नहीं है, जिसे राजपथ की झांकी पर दर्शाया जा रहा है।

चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल की 26 जनवरी को राजपथ पर झांकी निकालने को लेकर विवाद पैदा हो गया है। शहर के बाशिंदों का कहना है कि बुड़ैल जेल कोई आदर्श नहीं है, जिसे राजपथ की झांकी पर दर्शाया जा रहा है। 

इस जेल में ऐसे कांड हो चुके हैं। जिससे न केवल शहर के लोगों का, बल्कि प्रशासन का भी सिर शर्म से झुक चुका है। यह वही जेल है, जहां बेअंत सिंह को मारने वाले आतंकवादियों ने सुरंग बनाकर जेल ब्रेक कांड को अंजाम दिया था। यहां से पेरोल लेकर गए करीब 1350 कैदी अभी तक वापस जेल नहीं आए। ऐसे में प्रशासन बुड़ैल जेल की झांकी का राजपथ पर प्रदर्शन कर क्या दिखाना चाहता है। 

दूसरा यह किसकी संकीर्ण सोच है कि बुड़ैल जेल को राजपथ पर होने वाली परेड में झांकी के तौर पर दिखाओ? ऐसे अफसर पर तो कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि बुड़ैल जेल केवल पॉजीटिव वजहों के लिए ही नहीं, बल्कि नेगेटिव के लिए भी देशभर में मशहूर रही है।

आर.टी.आई. एक्टीविस्ट गर्ग ने लिखा पत्र :
इस संबंध में आर.टी.आई. एक्टीविस्ट आर.के. गर्ग ने न केवल एडवाइजर मनोज परिदा को पत्र लिखा है बल्कि बुड़ैल जेल की झांकी को राजपथ की परेड में जाने से भी रोकने की मांग की है। शहर में बहुत से स्थल ऐसे हैं, जिन्हें बतौर झांकी के तौर पर राजपथ की परेड में प्रदर्शित किया जा सकता है। रॉक गार्डन, रोज गार्डन, सुखना लेक, ली काबूर्जिए और पियरे जैनरे की शहर को दी गई धरोहर को झांकी के जरिए दर्शाया जा सकता है। 

बुड़ैल जेल का आइडिया किसने दिया, यह अपने आप में ही हैरत वाली बात है? आर.टी.आई. के जरिये मांगी गई जानकारी का हवाला देते उन्होंने बताया कि जो जानकारी बुड़ैल जेल प्रशासन की ओर से मिली है उससे ज्ञात हुआ है कि 1350 से ज्यादा कैदी जेल में ऐसे हैं, जिन्होंने पैरोल ली थी लेकिन पैरोल लेने के बावजूद वह वापस ही नहीं लौटे। जेल में जेल प्रशासन की ओर से मुजरा कराये जाने की भी खबरें अखबारों में छप चुकी हैं। 

बेअंत सिंह के हत्यारे आतंकवादियों ने सुरंग बनाकर जेल ब्रेक  को भी यहीं अंजाम दिया। महिला कैदियों के जेल में ही प्रेग्नैंट होने की खबरें भी अखबारों की सुर्खियां बन चुकी हैं। जेल मुलाजिम ही जेल से सामान की चोरी कर रहे हैं, ऐसा भी सामने आ चुका है। किस मायने में बुड़ैल जेल को आदर्श जेल के तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है। यह अपने आप में सवाल खड़ा कर रहा है? फर्नीचर बनाने का काम दूसरी जेलों में भी कैदियों से कराया जाता है। चंडीगढ़ प्रशासन को अपने इस कदम पर शर्म आनी चाहिए। एडवाइजर मनोज परिदा से बुड़ैल जेल को राजपथ पर झांकी के तौर पर भेजने पर रोक लगाने को कहा गया है।

अफसरों की घटिया सोच पर लगे लगाम :
चंडीगढ़ प्रशासन ने बुड़ैल की मॉडल जेल की 26 जनवरी 2020 में ले जाए जाने वाली झांकी तैयार करने को लेकर टैंडर निकाला था। प्रशासन ने टैंडर की तारीख 31 अक्टूबर तक एक्सटैंड कर दी है। आर.के. गर्ग के मुताबिक क्या हम चंडीगढ़ की पहचान बुड़ैल जेल से दिखाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह अपने आप में ही अजूबा है। ऐसा करने वाले अफसरों की सोच पर लगाम लगाई जानी चाहिए।

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