Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jul, 2018 11:07 AM
जेल में विभिन्न तरह के कोर्स करने के बाद काम में निपुण हो चुके कैदियों को यहां से रिहा होने के बाद रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाने की योजना पर जेल प्रशासन काम कर रहा है।
चंडीगढ़(संदीप) : जेल में विभिन्न तरह के कोर्स करने के बाद काम में निपुण हो चुके कैदियों को यहां से रिहा होने के बाद रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाने की योजना पर जेल प्रशासन काम कर रहा है। इस योजना के तहत उन्हें विभिन्न कम्पनियों में रोजगार दिलवाने में मदद की जाएगी, जिससे वे एक सामान्य नागरिक की तरह अपना और परिवार का पालन-पोषण कर सकें।
अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए जल्द ही प्लेसमैंट प्रोग्राम करवाए जाने की योजना है। जेल प्रबंधन प्लेसमैंट के लिए विभिन्न कम्पनियों से सम्पर्क कर रहा है। इस योजना में उन कैदियों को शामिल किए जाने का विचार है, जो पिछले कई सालों से जेल में रहकर बेहद ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं और उनका आचरण भी अच्छा रहा है। जेल से रिहा होने के बाद कैदियों को रोजगार के बेहतर अवसर दिलवाकर उन्हें समाज में सामान्य नागरिक का दर्जा दिलवाना इस योजना का मकसद है।
कोर्स से काम सीख जाते हैं लेकिन रिहा होने के बाद नहीं मिलता रोजगार :
प्राय: देखा गया है कि कैदी जेल में अपना कोर्स पूरा कर संबंधित काम को करने की काबिलियत तो प्राप्त कर लेता है लेकिन किसी कम्पनी में काम न करने के अनुभव और आपराधिक रिकार्ड के कारण उन्हें जेल से रिहा होने के बाद रोजगार के अवसर नहीं मिल पाते हैं। कंपनियां भी उन्हें काम देकर रिस्क नहीं लेना चाहतीं। इसलिए जेल प्रशासन खुद इसमें कैदियों की मदद करने के लिए आगे आया है।
कोर्स और निपुणता को ध्यान में रखकर करवाई जाएगी प्लेसमैंट :
जेल में बंद कैदियों को विभिन्न कामों में निपुण बनाए जाने के मकसद से कई साल पहले विभिन्न तरह के कोर्स शुरू किए गए थे। इसके तहत जेल में खाना, बेकरी प्रोडक्ट, फर्नीचर बनाने व अन्य तरह का सामान तैयार करने की ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि जेल से रिहा होने के बाद कैदी की कोर्स और काम करने के अनुभव को ध्यान में रखते हुए किसी कम्पनी में प्लेसमैंट करवाई जा सके।
यही नहीं, चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में कैदियों द्वारा बनाए जाने वाले फर्नीचर और खाद्य पदार्थों तथा अन्य घरेलू उपयोग की वस्तु्ओं को बेचने के लिए बुड़ैल मॉडर्न जेल प्रशासन सैक्टर-22 में आऊट लेट भी खोलने की योजना बना चुका है। अब जेल प्रशासन चाहता है कि यहां से रिहा होने वाले कैदी अपने और अपने पविार के जीवन यापन के लिए अपराध का रास्ता छोड़ें।