Edited By bhavita joshi,Updated: 11 Nov, 2018 12:39 PM
प्रतिदिन महिलाओं के साथ हो रही शारीरिक शोषण की घटनाओं को रोकने के मकसद के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घडुंआं के बी.एस.सी. कम्प्यूटर साइंस के फाइनल वर्ष के तीन विद्यार्थियों ने मिलकर एक ‘फीमेल सेफ्टी बैल्ट‘ तैयार की गई है,
मोहाली(नियामियां): प्रतिदिन महिलाओं के साथ हो रही शारीरिक शोषण की घटनाओं को रोकने के मकसद के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घडुंआं के बी.एस.सी. कम्प्यूटर साइंस के फाइनल वर्ष के तीन विद्यार्थियों ने मिलकर एक ‘फीमेल सेफ्टी बैल्ट‘ तैयार की गई है, जिसमें ऐसी तकनीक फिट की गई है, जिसके साथ किसी व्यक्ति की तरफ से एक महिला के साथ जोर-जबरदस्ती करने की कोशिश करने पर बैल्ट के सॉफ्टवेयर के द्वारा तीन नंबरों पर इसके बारे में जानकारी पहुंच जाएगी, जिसमें से एक नंबर नजदीकी पुलिस स्टेशन का होगा। इस प्रकार एक महिला को सुरक्षित बचाया जा सकेगा।
इस खोज के बारे में जानकारी देते टीम के प्रतिनिध जवतेश सिंह ने बताया कि देश में हर साल 25,000 बलात्कार की घटनाएं घटित होती है। अखबारों में रोजमर्रा पढऩे को मिलती ऐसी घटनाओं को रोकने की इच्छा के साथ साल 2017 के दिसम्बर महीने में उसको यह बैल्ट तैयार करने के बारे में ख्याल आया।
यह तरकीब उसने अपनी जमात में से ललिता ठाकुर के साथ सांझी की तो उसकी तरफ से भी इस में रूचि ली गई तथा उन्होंने इंटरनेट एवं बाकी स्रोतों के द्वारा इस खोज के बारे में पढ़ाई की शुरू की।
क्लास का एक ओर साथी सुशील कुमार भी इस काम में उनके साथ जुट गया। इस प्रकार की बैल्ट तैयार करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती था क्योंकि यह काम कम्प्यूटर साइंस विभाग की बजाय इलैक्ट्रोनिक्स विभाग का था। इसके बावजूद उन्होंने दृढ़ मेहनत करते हुए अपनी खोज जारी रखी। करीब 4 महीनो की माथापच्ची के उपरांत उन्होंने इस बैल्ट का प्रारंभिक स्वरूप तैयार कर लिया था, जिसका नाम उन्होंने ‘कवीन बैल्ट‘ रखा।