कॉलेजों में गेडिय़ां मारने वालों पर नजर, CCTV कैमरे इंस्टाल

Edited By Priyanka rana,Updated: 06 Sep, 2019 09:33 AM

cctv cameras installed

शहर के कॉलेजों में शुक्रवार का दिन छात्र नेताओं की किस्मत के फैसले का दिन है। कई दिनों से चल रही तैयारियों का वीरवार को अंतिम दौर था।

चंडीगढ़(वैभव) : शहर के कॉलेजों में शुक्रवार का दिन छात्र नेताओं की किस्मत के फैसले का दिन है। कई दिनों से चल रही तैयारियों का वीरवार को अंतिम दौर था। संगठनों ने छात्रों से पूरे दिन बातचीत का दौर लगाए रखा और छात्रों को अपने मैनीफैस्टो के बारे में बताया। कॉलेजों में ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिली लेकिन संगठनों ने टुकडिय़ों में बांटकर प्रचार किया। 

कॉलेजों में चुनाव प्रचार पर रोक लगने के बाजवजूद छात्र संगठनों ने प्रचार किया। कई कॉलेजों में मुकाबला दो-पक्षीय हैं, तो कइयों में 6 संगठनों के सामने दो संगठन चुनावी मैदान में खड़े हैं। कॉलेजों में वोट डालने के लिए कॉलेज प्रशासन की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। बैलेट बॉक्स की निगरानी करने के लिए कॉलेजों में अलग से सी.सी.टी.वी. कैमरे इंस्टाल किए गए हैं। 

बैलेट बॉक्स की निगरानी के लिए पुलिस के जवान भी तैनात रहेंगे। वहीं जिन कॉलेजों में चुनाव हो रहे हैं वहां पर वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। लेकिन खालसा कॉलेज के सामने वाली सड़क पर आवाजाही नहीं रोकी गई है। छात्र संगठनों द्वारा वाहन लेकर गेडिय़ां लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए पुलिस के अलावा ट्रैफिक पुलिस भी मौजूद रहेगी। 

आई.डी. कार्ड देखकर छात्रों को मिलेगी एंट्री :
चुनाव के आते ही कॉलेजों में आउटसाइडर्स का जमावड़ा भी लगने लग जाता है। वर्ष 2018 में कई कॉलेजों में आउटसाइडर्स को फर्जी वोट डालते हुए दबोचा गया था। हालांकि इन आउटसाइडर्स के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। कॉलेज प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ कोई भी लिखित शिकायत पुलिस में नहीं दी जाती है, जिसकी वजह से वह बच जाते हैं। स्टूूडैंट्स को कॉलेज में एंट्री करते समय अपना आई.डी. कॉर्ड साथ रखना अनिवार्य होगा।

चप्पे-चप्पे पर चौकसी :
चुनाव के दौरान वीडियोग्राफी होगी। इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने व्यवस्था कर ली। चुनाव का रिजल्ट आने तक हर एक पल पर नजा रखने के लिए वीडियोग्राफी की जाएगी। 

एस.डी. कॉलेज में स्टूडैंट्स इलैक्शन में ए.बी.वी.पी. पहली बार उतरी है। ए.बी.वी.पी. अगर चुनाव में नहीं जीतती है तो भी वह दूसरे संगठनों की वोट काटने का काम करेंगी। संगठन ने प्रैजीडैंट और सैक्रेटरी पद के लिए उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रैजीडैंट पद के लिए खड़े विवेक देसवाल ने कहा कि उनकी पार्टी पहली बार चुनाव मैदान में उतरी है। छात्रों का समर्थन भी उनको काफी मिल रहा है। 

संगठनों में गठजोड़ :
पी.जी.जी.सी. -11 में 6 छात्र संगठनों ने गठजोड़ किया हुआ है। उनका मुकबाला 6 पाॢटयों के गठजोड़ से है। कॉलेज में एस.एस.ए., इनसो, जी.जी.एस.यू., एन.एस.यू.आई., हिमशू और एच.पी.एस.यू. का गठजोड़ हुआ है और उनका सामना पूसू और सोई के गठबंधन से है। पूसू और सोई दोनों संगठन पंजाब से है। कॉलेज में पंजाबी स्टूडैंट्स की तादाद भी अच्छी खासी है। अगर दोनों संगठन राज्य कॉर्ड खेलने में सफल हुए तो उनकी जीत सुनिश्चित है।

पी.जी.जी.सी.-46 में सोई-ए.बी.वी.पी. में मुकाबला :
पंजाब में बीजेपी और शिअद का गठबंधन है, लेकिन पोस्ट ग्रैजुएशन गवर्नमैंट कॉलेज-46 में इन दोनों पार्टियों के छात्र संगठन एक-दूसरे के सामने खड़े हैं। सोई छात्र संगठन अकाली पार्टी से है तो ए.बी.वी.पी. भाजपा से। इन संगठनों में कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। कॉलेज में स्टूडैंट्स की पसंद ए.बी.वी.पी. है, लेकिन सोई को वोट करने वाले स्टूडैंट्स भी कम नहीं है।

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