Edited By pooja verma,Updated: 17 Apr, 2019 07:50 PM
घरों, दुकानों और अन्य स्थानों में सुरक्षा के मद्देनजर लगाए जाने वाली तीसरी आंख मतलब सी.सी.टी.वी. कैमरे में इन दिनों सुरक्षित नहीं है।
चंडीगढ़ (संदीप): घरों, दुकानों और अन्य स्थानों में सुरक्षा के मद्देनजर लगाए जाने वाली तीसरी आंख मतलब सी.सी.टी.वी. कैमरे में इन दिनों सुरक्षित नहीं है। शहर में बीते दिनों ऐसी कई चोरी की वारदातों को अंजाम दिया गया है, जिनमें चोर वारदात को अंजाम देने के वहां लगे हुए सी.सी.टी.वी. कैमरा और डी.वी.आर. तक चोरी कर ले गए हैं।
ऐसे में वारदात और उसे अंजाम देने वालों का सुराग लगाना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल हो जाता है। पुलिस अधिकारियों की माने तो पिछले दिनों में ऐसी वारदातें संज्ञान में आई हैं। वारदात को अंजाम देने वाले की धरपकड़ के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
जामा मस्जिद से चुराए 20 और डी.वी.आर.
बीते दिनों चोरों ने सैक्टर-20 स्थित जामा मस्जिद के दानपात्र को निशाना बनाते हुए 20 हजार रुपए की नकदी पर हाथ साफ कर दिया था। हालांकि सुरक्षा के मद्देनजर मस्जिद परिवार के कई सी.सी.वी.टी. कैमरे लगाए गए थे।
लेकिन वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी इतने शातिर थे कि जाते समय सी.सी.वी.टी. कैमरा सिस्टम के साथ एटेज डी.वी.आर. ही साथ ले गए, जिसमें पूरी वारदात रिकॉर्ड हुई थी। सैक्टर-19 थाना पुलिस ने मस्जिद के मौलाना अजमल खान की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
कार्यालय की सुरक्षा के लिए लगाए कैमरे व डी.वी.आर. चुराई
इंडस्ट्रीयल एरिया फेस-1 में अपना हार्डवेयर का कार्यलय चलाने वाले लखविंद्र ने कार्यलय का ताला तोड़कर यहां रखी 15 हजार रुपए की नकदी, एक हार्डडिस्क, 3 लैपटॉप, 3 मोबाइल, व अन्य सामान चुरा ले जाने से संबंधित शिकायत दी थी।
शिकायत में बताया था कि उसने कार्यालय की निगरानी के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए थे। लेकिन आरोपी इन कैमरों और उनके साथ अटैच उनकी डी.वी.आर. को भी साथ में ही चुरा कर ले गए थे, जिससे की उनकी फुटेज के द्वारा उनका सुराग न लग पाए।
कोट्स
वारदात स्थल पर निगरानी के लिए लगाए गए सी.सी.टी.वी. कैमरे और डी.वी.आर. चुराए जाने के कुछ केस सामने आए हैं। पुलिस की जांच जारी है। जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। -चरनजीत सिंह विर्क, डी.एस.पी., पब्लिक रिलेशन ऑफिस, पुलिस विभाग