Edited By pooja verma,Updated: 19 Jun, 2019 09:36 AM
मेयर राजेश कुमार कालिया और सफाई कर्मचारी यूनियन प्रधान कृष्ण कुमार चड्ढा के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया है।
चंडीगढ़ (राय): मेयर राजेश कुमार कालिया और सफाई कर्मचारी यूनियन प्रधान कृष्ण कुमार चड्ढा के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया है। सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान चड्ढा को निगम कमिश्नर ने मेयर से अभद्र व्यवहार के चलते तत्काल प्रभाव से सस्पैंड कर दिया है।
सस्पैंशन आदेशों में अनुशासनात्मक प्रक्रिया शुरू किए जाने पर विचार करने को कहा गया है। यह आदेश भी तब आए जब निगम कमिश्नर से सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी सोमवार को ही मिले थे। तब दोनों पक्षों की तरफ से आश्वासन की बातें सामने आई थी, जबकि उस मुलाकात के ठीक 24 घंटे के भीतर यूनियन प्रधान चड्ढा के सस्पैंशन के आदेश जारी कर दिए गए।
जो आदेश देना था, दे दिया: निगम कमिश्नर
उधर, सफाई यूनियन के समर्थन में उतरे डोर टू डोर गारबेज कलैक्टर्स के नेता ओम प्रकाश सैनी के मुताबिक सस्पैंशन के आदेश की सूचना के बाद सफाई यूनियन के सदस्य निगम आयुक्त से फिर मिले, जिस पर निगम आयुक्त ने कहा कि उन्होंने जो आदेश देना था दे दिया है।
सफाई यूनियन ने आदेश को कानूनन गलत ठहराया
वहीं, सफाई यूनियन ने तत्काल बैठक बुलाकर 24 घंटे के भीतर सस्पैंशन आदेश वापस लेने का निगम आयुक्त को नोटिस भेजा है। यूनियन के चेयरमैन केशो राम पारचा ने आदेश को कानूनन गलत ठहराया। साथ ही कहा कि बिना किसी कारण के यह आदेश जारी किए गए।
दांव पर शहर की सफाई व्यवस्था
पूरे विवाद में शहर की सफाई व्यवस्था दांव पर लग गई है। मामला नहीं सुलझा तो सफाई यूनियन और अन्य यूनियन एकजुट होकर हड़ताल पर जा सकती हैं। ऐसे में शहर में पिछले वर्ष की तरह गंदगी के ढेर लगना तय माना जा सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए निगम को वैकल्पिक तौर पर बैक प्लान के बारे में भी सोचना पड़ेगा।
निगम के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं है। सफाई यूनियन के विवाद में एक तरफ जहां सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा और गंदगी फैल सकती है तो घरों से कचरा एकत्रित करने वाले गारबेज कलैक्टर्स भी काम ठप्प कर सकते हैं, ऐसे में निगम की सेग्रीगेशन प्रक्रिया को झटका भी लग सकता है। घरों से कूड़ा नहीं उठाए जाने से शहरवासियों को असुविधा भी पेश आ सकती है।
तो मेयर और अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी
नोटिस में यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर चड्ढा की बहाली नहीं की गई तो शहर की सफाई व्यवस्था ठप्प कर दी जाएगी। साथ ही इसकी जिम्मेदारी मेयर और निगम के अधिकारियों की होगी।
यूनियन चाहती है कि शहर की सफाई व्यवस्था पर कोई आंच न आए और शहर की रैंकिंग नंबर वन हो, लेकिन अगर उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वे यह कदम उठाने पर मजबूर हो जाएंगे।