जमीन अधिग्रहण के अवार्ड नोटिस को किया चैलेंज

Edited By Priyanka rana,Updated: 17 May, 2020 11:13 AM

challenge for land acquisition award notice

धनास की मार्बल मार्कीट के पास से तोगां तक अधूरी पड़ी फोरलेन सड़क के लिए प्रशासन ने करीब 18 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है, जिसकी एवज में डड्डूमाजरा व धनास के करीब 90 किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से अधिग्रहण राशि देने का नोटिस चस्पां कर दिया...

चंडीगढ़(रमेश) : धनास की मार्बल मार्कीट के पास से तोगां तक अधूरी पड़ी फोरलेन सड़क के लिए प्रशासन ने करीब 18 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है, जिसकी एवज में डड्डूमाजरा व धनास के करीब 90 किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से अधिग्रहण राशि देने का नोटिस चस्पां कर दिया गया है, जबकि किसान जमीन की अधिग्रहण राशि कृषि वाली जमीन की बजाए कमर्शियल जमीन के मार्कीट रेट यानी 22 करोड़ प्रति एकड़ की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में मामला पैंडिंग है। कोर्ट इससे पहले यथास्थति बनाए रखने की बात कह चुका है।

लॉकडाऊन के कारण जुलाई में होनी थी सुनवाई :
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई पहले 22 अप्रैल को होनी थी, जिसे कोरोना के कारण टाल दिया गया था और 15 मई को सुनवाई होनी थी लेकिन लॉकडाऊन के कारण एक बार फिर सुनवाई नहीं हो सकी और अब अगली तारीख जुलाई माह की है।

अवार्ड की घोषणा वाले दिन होगी सुनवाई :
वहीं लैंड एवीजिशन कलैटर ने 13 मई को अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के लिए 18 मई को अवार्ड का नोटिस जारी कर गांव के गुरुद्वारे व सार्वजनिक स्थलों में चस्पां करवा दिए हैं, जिसे लेकर किसानों में रोष है। 

हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले किसानों के वकील वकील चरणपाल सिंह बागड़ी ने हाईकोर्ट को सारी जानकारी देते हुए मामले की सुनवाई अर्जेंट केस के तहत किए जाने की अपील करते हुए रजिस्ट्री में अपील सबमिट कर दी है जिसे स्वीकार करते हुए डिवीजन बैंच ने मामले की सुनवाई 18 मई को सुनिश्चित की है और उसी दिन प्रशासन ने अवार्ड का नोटिस भी जारी किया है। 

बिल्डरों के चल रहे हैं करोड़ों के प्रोजैक्ट :
90 के करीब गांववासियों ने एडवोकेट चरणपाल सिंह बागड़ी के जरिए दायर याचिका में हाईकोर्ट को बताया है कि यहां से सटे पंजाब के इस एरिया में कई बड़े बिल्डरों और रसूखदारों के प्रोजैट हैं। ऐसे में अब यहां से पी.आर.-4 सड़क निकाले जाने की योजना बनाई गई जो सीधे चंडीगढ़ के दक्षिण मार्ग से जुड़ेगी जिसके लिए धनास की 5.57 एकड़ और डड्डूमाजरा की 12.23 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। 

इस जमीन का कलैक्टर रेट पहले ही काफी ज्यादा है, लेकिन इसके बदले में चंडीगढ़ प्रशासन जो इन्हें कीमत दे रहा है, वह बेहद ही कम है। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट को बताया कि चंडीगढ़ जब बना था तो यहां पेरीफेरी एक्ट लागू हुआ, जिसके तहत किसान अपनी जमीन पर घर नहीं बना सकते हैं और न ही लीज पर दे सकते हैं, लेकिन प्रशासन जब चाहे उनकी जमीन का अधिग्रहण कर उसे महंगे रेट पर दे देता है।

रैवेन्यू रिकॉर्ड को नहीं किया गया अपडेट :
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि शहर का पहला ऐसा जमीन अधिग्रहण है, जिसमें रैवेन्यू रिकॉर्ड को अपडेट ही नहीं किया गया। इस प्रौजेक्ट की नोटीफिकेशन जारी होने के बाद आपतियाँ मांगी गई थी। 

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