Edited By Priyanka rana,Updated: 22 Nov, 2019 09:20 AM
पंचकूला के चंडीमाता मंदिर पर कब्जा करने और उसे श्राइन बोर्ड के अधीन करने के आदेश को मंदिर के पुजारी व केयरटेकर महंत राजेश गिरि ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
चंडीगढ़(रमेश) : पंचकूला के चंडीमाता मंदिर पर कब्जा करने और उसे श्राइन बोर्ड के अधीन करने के आदेश को मंदिर के पुजारी व केयरटेकर महंत राजेश गिरि ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार व पंचकूला के डी.सी. को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। चंडी माता मंदिर पंचकूला के पुजारी महंत राजेश गिरि ने हरियाणा सरकार की उस अधिसूचना को गैर-कानूनी बताते हुए रद्द करने की मांग की है, जिसके तहत मंदिर को माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के अधीन किया जा रहा है।
पुजारी ने याचिका में कहा कि माता चंडी का यह मंदिर उनके पूर्वजों की संपत्ति है। सरकारी रिकार्ड में भी मंदिर व उसकी जमीन उनके गुरु व पूर्वजों के नाम चढ़ी हुई है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि कुछ राजनीतिक लोग उनके मंदिर पर कब्जा जमाने की साजिश रच रहे हैं, जिसके पीछे उनके निजी स्वार्थ जुड़े हुए हैं।
मंदिर का एक मामला पहले ही विचाराधीन :
महंत गिरि ने कहा कि मंदिर पर कब्जे को लेकर पहले ही एक मामला जिला अदालत में विचाराधीन है। इसलिए केस का फैसला आने तक मंदिर श्राइन बोर्ड के हवाले नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता है तो यह मंदिर की पवित्रता व भक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ होगा।
याची ने हाईकोर्ट से मांग की है कि वह हरियाणा सरकार की 4 जनवरी 2018 को जारी उस अधिसूचना को रद्द करे, जिसके तहत मंदिर को माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के अधीन करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले भी हरियाणा सरकार पंचकूला जिले के कई मंदिरों को श्राइन बोर्ड के अधीन करने को लेकर चर्चा में रही है, जिनके मामले हाईकोर्ट में चल रहे हैं।