सुखना वैटलैंड के संरक्षण को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन की पंजाब-हरियाणा से बैठक आज

Edited By Priyanka rana,Updated: 23 Jul, 2019 10:29 AM

chandigarh administration meets punjab haryana today

सुखना वैटलैंड का किस तरह से संरक्षण किया जा सकता है। इसको लेकर मंगलवार को यू.टी. प्रशासन की पंजाब-हरियाणा के साथ बैठक होने जा रही है।

चंडीगढ़(साजन) : सुखना वैटलैंड का किस तरह से संरक्षण किया जा सकता है। इसको लेकर मंगलवार को यू.टी. प्रशासन की पंजाब-हरियाणा के साथ बैठक होने जा रही है। बैठक में सुखना कैचमैंट एरिया में हुए अतिक्रमण को लेकर रजामंदी बनाने की कोशिश की जाएगी। 

असल में चंडीगढ़ प्रशासन सुखना कैचमेंट एरिया में हो रहे अतिक्रमण को लेकर गंभीर है और पंजाब से मांग कर रहा है कि इसके कैचमैंट से सब तरह का अतिक्रमण हटाया जाए क्योंकि इससे सुखना के अस्तित्व को खतरा है, उधर दूसरी ओर पंजाब यू.टी. प्रशासन की इस दलील से फिलहाल सहमत नहीं लग रहा जिसमें सुखना वैटलैंड की जमीन 50 मीटर से 250 मीटर तक के दायरे में करने की बात कही जा रही है।

अतिक्रमण रोकने के लिए बनाई थी कमेटी :
छह महीने पहले सुखना लेक को बचाने को लेकर वैटलैंड अथॉरिटी की बैठक हुई थी। चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरैस्ट (सी.सी.एफ.) को टैक्निकल कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था। यह कमेटी सुखना लेक के आसपास के वैटलैंड को निर्धारित करने को लेकर बनाई गई ताकि इस एरिया के इर्दगिर्द कोई भी एक्टीविटी न हो सके। 

खासतौर से अतिक्रमण तो बिलकुल ही नहीं क्योंकि सुखना कैचमैंट एरिया से ही सुखना में विभिन्न स्रोतों के जरिए पानी पहुंचता है। अगर यहां अतिक्रमण हो गया तो सुखना के अस्तित्व को खतरा पैदा हो जाएगा। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपनी थी। अथॉरिटी के सदस्यों की दलील थी कि लेक के करीब पचास मीटर के दायरे में निर्माण कार्य पर रोक लग जाएगी।

लेक के आसपास कोई निर्माण नहीं हो सकता :
दरअसल सुखना लेक की सुंदरता ऐसी ही बनी रहे और इसको किसी प्रकार का नुक्सान न हो इसको लेकर काफी समय से प्रशासन की ओर से प्रयास किया जा रहा है। दिसम्बर 2017 में लेक के संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सुखना वेटलैंड कमेटी का गठन किया गया था। 

कमेटी ने वेटलैंड का निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट देनी थी। सुखना के संरक्षण को लेकर विभिन्न पहलुओं पर कमेटी ने जांच की। सुखना वैटलेंड को लेकर जो निर्माण कार्य पहले हो चुके हैं उस पर यह नियम लागू होगा या नहीं, इसको लेकर भी विवाद है। भविष्य में लेक के आसपास कोई भी निर्माण कार्य नहीं होंगे जिसको लेकर नियम बनाए जाएंगे। 

हॉर्टीकल्चर, एग्रीकल्चर गतिविधियों पर रोक :
वेटलैंड में हॉर्टीकल्चर और एग्रीकल्चर गतिविधियां नहीं हो सकती। ये भी निर्धारित किया गया कि सुखना में होने वाली एक्टिविटीज को लेकर मंजूरी अथॉरिटी से लेनी पड़ेगी। कैचमैंट एरिया से लेक की तरफ आने वाले पानी में जहां भी अड़चनें हैं, उन सबको हटाना मंगलवार को होने रही बैठक का मुख्य मुद्दा होगा। इससे नैचुरल वाटर रिसोर्स के जरिए ही लेक को भरा जाएगा। 

इसके अलावा सुखना लेक की ओर आने वाले वाटर चैनल में सीवरेज को तुरंत बंद किया जाएगा। अभी सकेतड़ी में सीवरेज चैनल में ही गिर रहा है। इंडस्ट्री और शहर के अन्य हिस्सों से आने वाले वेस्ट को सुखना कैचमैंट एरिया या वैटलैंड में नहीं गिराया जा सकता। सुखना में मोटरबोट आदि चलाने पर भी रोक रहेगी।

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