Edited By ,Updated: 01 Apr, 2017 08:45 AM
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की चंडीगढ़ बैंच देशभर की सभी ट्रिब्यूनल और संभवत जिला अदालतों में पहली ऐसी कोर्ट बन गई है, जहां जीरो पैंडैंसी है।
चंडीगढ़(संदीप) : केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की चंडीगढ़ बैंच देशभर की सभी ट्रिब्यूनल और संभवत जिला अदालतों में पहली ऐसी कोर्ट बन गई है, जहां जीरो पैंडैंसी है। चंडीगढ़ कैट बैंच ने 31 दिसम्बर 2014 तक के सभी लंबित मामलों को निपटा दिया है। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। इसकी जानकारी चंडीगढ़ बैंच के हेड ऑफ डिपार्टमैंट जस्टिस एम.एस. सुल्लर ने दी।
जस्टिस सुल्लर के अनुसार कैट की देशभर में 17 बैंच हैं लेकिन चंडीगढ़ बैंच ही इकलौती ऐसी बैंच है, जिसमें 31 दिसम्बर 2014 तक के सभी लंबित मामलों में फैसला सुनाया जा चुका है। देशभर में शायद ही ऐसी कोई बैंच या किसी तरह की कोई कोर्ट होगी जहां 31 दिसम्बर 2014 से पहले के केस न होंगे। यह करने वाली चंडीगढ़ बैंच अपने आप में अकेली है। यहां केस दाखिल होने से ज्यादा संख्या उनके निपटाने की है।
जस्टिस सुल्लर के अनुसार वर्तमान में यहां कुल 1368 केस हैं। इनमें 941 ओरिजनल एप्लीकेशन, 38 कंटैप्ट पटीशन, 48 रिवीजन एप्लीकेशन और 9 ट्रांसफर एप्लीकेशन और 341 मिसलेनियस एप्लीकेशन हैं। वहीं 2002 से 2014 तक के 7-8 केस पैंडिंग थे। उन्होंने सबसे पहले पैंडैंसी निपटाने पर ध्यान दिया। इसी का नतीजा है कि आज यहां 2014 से पहले की जीरो पैंडैंसी है।