Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2018 10:30 AM
आखिरकार 7 साल बाद चंडीगढ़ प्रशासन और सैक्टर-1 स्थित चंडीगढ़ क्लब के बीच लीज को लेकर चल रहे विवाद पर विराम लगने जा रहा है।
चंडीगढ़ (राजिंद्र): आखिरकार 7 साल बाद चंडीगढ़ प्रशासन और सैक्टर-1 स्थित चंडीगढ़ क्लब के बीच लीज को लेकर चल रहे विवाद पर विराम लगने जा रहा है। चंडीगढ़ क्लब प्रबंधन यू.टी. प्रशासन द्वारा फिक्स किए गए 92 लाख रुपए प्रति वर्ष लीज अमाऊंट को चुकाने के लिए तैयार हो गया है।
वीरवार को लीज डीड की एक कॉपी मैनेजमैंट को स्टडी करने के लिए दी गई। वहीं, शाम को क्लब की एग्जीक्यूटिव कमेटी की एक मीटिंग बुलाई गई, जिसमें वह प्रशासन द्वारा फिक्स लीज अमाऊंट को चुकाने के लिए राजी हो गए लेकिन उन्होंने कहा कि कुछ प्वाइंट्स पर उन्हें प्रशासन से क्लेरीफिकेशन चाहिए। इन सभी प्वाइंट्स को अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में यू.टी. के साथ एग्रीमैंट साइन करने से पहले प्रशासन अधिकारियों के साथ उठाएंगे।
शहर का सबसे पुराना क्लब
वर्ष 2005 में लीज अमाऊंट 8 हजार रुपए से 1.08 लाख प्रति माह रिवाइज्ड किया गया था। इस वर्ष क्लब ने करीब एक करोड़ रुपए बकाया राशि को चुकाया था। बताया जा रहा है कि वर्ष 2010 से 1.73 लाख लीज अमाऊंट हर माह भरा जा रहा था क्योंकि कोई लीज पीरियड फिक्स नहीं की गई थी। चंडीगढ़ क्लब शहर का सबसे पुराना क्लब है, जिसे 8.5 एकड़ एरिया में वर्ष 1958 में बनाया गया था।
वर्ष 2010 से लटका हुआ था मामला
क्लब की लीज फिक्स करने का मामला वर्ष 2010 से लटका हुआ था। लीज डीड के तहत हर साल लीज अमाऊंट में 5 प्रतिशत वृद्धि होगी। इसके अलावा क्लब में होने वाले शादी एवं अन्य समारोहों से होने वाले प्रॉफिट का 25 प्रतिशत हिस्सा क्लब चंडीगढ़ प्रशासन को देगा। चंडीगढ़ क्लब के आठ हजार मैंबर हैं।
लीज अमाऊंट को 100 रुपए प्रत्येक मैंबर प्रति महीने कैलक्यूलेट किया गया है। पिछले 8 साल से प्रशासन ने क्लब में शादी से लेकर अन्य सभी प्रकार के समारोह बंद कर दिए थे। इस संबंध में चंडीगढ़ क्लब के पूर्व प्रधान मुकेश बस्सी ने कहा कि लीज डीड की कॉपी उन्हें मिल गई है।
शाम को मीटिंग में क्लब मैनेजमैंट ये लीज अमाऊंट चुकाने के लिए तैयार भी हो गया है लेकिन कुछ प्वाइंट्स पर उन्हें क्लैरीफिकेशन चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि इन प्वाइंट्स प्रशासन उनकी बात मानेगा, जिसके बाद वह एग्रीमैंट साइन कर देंगे।