चंडीगढ़ के उपभोक्ताओं पर इस साल पड़ेगा 180 करोड़ रुपए का बोझ

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Apr, 2018 11:30 AM

chandigarh consumers will be burdened by rs 180 crores this year

बिजली के टैरिफ में इजाफा होने के बाद अब शहर के लगभग 2.17 लाख कंज्यूमर्स को एक और झटका लगने वाला है।

चंडीगढ़ (विजय): बिजली के टैरिफ में इजाफा होने के बाद अब शहर के लगभग 2.17 लाख कंज्यूमर्स को एक और झटका लगने वाला है। ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलैट्री कमीशन (जे.ई.आर.सी.) ने चंडीगढ़ इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट को कंज्यूमर्स से 180.38 करोड़ रुपए वसूलने के निर्देश दे दिए हैं। डिपार्टमैंट ने कमीशन के सामने टैरिफ पटीशन में 2010-11 से लेकर 2013-14 के बीच में हुए 208.17 करोड़ रुपए के घाटे का मामला रखा था। 

 

डिपार्टमैंट ने कमीशन के सामने अपील की थी कि इस घाटे की तुरंत भरपाई की जाए। हालांकि डिपार्टमैंट की ओर से कहा था कि वित्त वर्ष 2018-19 में इस 208.17 करोड़ में से विभिन्न सोर्स के जरिए 27.79 करोड़ रुपए की भरपाई तो हो जाएगी लेकिन बाकी के बचे 180.38 करोड़ रुपए किस तरह से वसूले जाएंगे, इसका कोई ऑप्शन नहीं बचा है। 

 

इसके बाद कमीशन ने डिपार्टमैंट की मजबूरी को समझते हुए ऑर्डर दे दिए हैं कि यह घाटा कंज्यूमर्स से वसूल किया जा सकता है। इसके लिए हरकैटेगरी के कंज्यूमर पर रेगुलैट्री सरचार्ज लगाया जाए। अब डिपार्टमैंट यह तय कर रहा है कि हरेक कंज्यूमर पर कितना सरचार्ज लगाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार आने वाले समय में कंज्यूमर्स के बिल पर यह सरचार्ज शामिल किया जाएगा। 


 

तीन साल टैरिफ न बढऩे से हुआ घाटा
2010-11 से लेकर 2013-14 के बीच इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट ने जितनी भी टैरिफ पटीशन कमिशन के सामने सब्मिट करवाई थी उनमें से किसी को भी मंजूरी नहीं दी गई थी। कमीशन ने इन तीन वित्त वर्षों में टैरिफ न बढ़ाने का कारण डिपार्टमैंट द्वारा कमर्शियल ऑडिट न करवाना बताया था लेकिन इस दौरान साल दर साल डिपार्टमैंट करोड़ों रुपए के बोझ तले दबता रहा। 

हालांकि इसके बाद कमर्शियल ऑडिट करवा दिया गया लेकिन अभी तक करोड़ों रुपए का घाटा पूरा नहीं किया जा सका लेकिन अब कमीशन इस घाटे को इसी वित्त वर्ष में निपटाने की तैयारी कर चुका है।


 

टैरिफ को रखा सरचार्ज से दूर 
अपने ऑर्डर में कमीशन ने लिखा है कि रेवैन्यू गैप गंभीर विषय है लेकिन इसकी पूरी भरपाई कंज्यूमर्स के टैरिफ से नहीं बढ़ाई जा सकती क्योंकि इससे टैरिफ काफी बढ़ जाएगा और भविष्य में बिजली की दरों को भी प्रभावित करेगा इसलिए इसलिए सरचार्ज लगाकर कंज्यूमर्स से रिकवरी की जा सकती है। जिसके लिए बिल में आने वाले फिक्स चार्ज को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। 

 

एफ.पी.पी.सी.ए का नहीं बढ़ेगा बोझ 
फ्यूल एंड पॉवर पर्चेज कॉस्ट एडजस्टमैंट का बोझ नहीं पड़ेगा। कमीशन ने एफ.पी.पी.सी.ए. चार्ज को एक लिमिट तक बढ़ाने का ऑर्डर दिया है। कमीशन ने 10 प्रतिशत की कैप फिक्स कर दी गई है। जो वित्त वर्ष 2018-19 के लिए लागू होगी। विभाग एफ.पी.पी.सी.ए. चार्ज को 10 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ा सकेगा।


 

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