Edited By Priyanka rana,Updated: 18 Jan, 2019 01:22 PM
16 साल के लंबे अंतराल में छत्रपति हत्याकांड की सुनवाई सी.बी.आई. कोर्ट के 7 जजों ने की।
चंडीगढ़(पांडेय) : 16 साल के लंबे अंतराल में छत्रपति हत्याकांड की सुनवाई सी.बी.आई. कोर्ट के 7 जजों ने की। इसकी सुनवाई वर्ष 2007 में अम्बाला स्थित सी.बी.आई. कोर्ट में शुरू हुई थी, जो आज पंचकूला स्थित सी.बी.आई. कोर्ट से सजा के ऐलान पर खत्म हुई है। इस केस के साथ जज जगदीप सिंह एक बार फिर रोल मॉडल बन गए हैं। जगदीप सिंह का यह फैसला एक नजीर बन गया है।
खास बात यह है कि इस मामले में डेरा प्रमुख को जमानत अम्बाला सी.बी.आई. कोर्ट से ही मिली थी। मामले में तेजी मौजूदा पंचकूला सी.बी.आई. जज जगदीप सिंह के समय में आई जब उन्होंने जल्द फैसले को लेकर अदालती प्रक्रिया तेज की। हालांकि शुरूआती दौर में ट्रायल अम्बाला सी.बी.आई. कोर्ट के जजों ए.के. वर्मा, के.सी. सैनी और ए.एस. नारंग की कोर्ट में हुआ था। इससे पहले जज जगदीप सिंह ने ही साध्वियों के यौन शोषण मामले में डेरामुखी को 20-20 साल की सजा सुनाई थी।
30 जुलाई 2007 को 5 सालों की जांच के बाद सी.बी.आई. ने छत्रपति हत्याकांड प्रकरण की चार्जशीट अम्बाला सी.बी.आई. कोर्ट में दाखिल की थी। उसके बाद से ही अदालती प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले मामले का ट्रायल अम्बाला सी.बी.आई. के जज ए.के. वर्मा की कोर्ट में शुरू हुआ। अम्बाला सी.बी.आई. कोर्ट में ट्रायल के दौरान ही डेरा प्रमुख पर आरोप तय हुआ था।
इस मामले में अम्बाला सी.बी.आई. कोर्ट से ही डेरा प्रमुख को जमानत दी गई। अम्बाला सी.बी.आई. के जज ए.एस. नारंग के कार्यकाल में अधिकांश गवाहियां हुईं। इन्हीं दिनों सी.बी.आई. कोर्ट में मामले के चश्मदीद अंशुल छत्रपति व अरिदमन की गवाहियां हुईं और डेरा प्रमुख के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की अहम गवाही हुई। उसके बाद इस मामले की सुनवाई जज अशोक कुमार त्यागी और जज नाजर सिंह के कार्यकाल में हुई, जिसमें सी.बी.आई. ने अपने सबूतों और साक्ष्यों को कोर्ट में पुख्ता किया।
इसके अलावा जज आर.के. यादव सहित दूसरे जजों के कार्यकाल में गवाहियों और दलीलों का दौर चला। आखिरी में जज जगदीप सिंह ने मामले में तेजी लाते हुए पिछले दिनों बहस फाइनल कर दी थी। जज जगदीप सिंह ने फैसले के लिए 11 जनवरी की तिथि मुकर्रर करते हुए डेरा प्रमुख सहित सभी आरोपियों को दोषी ठहराया। उसके बाद आज देर शाम सी.बी.आई. कोर्ट ने डेरा प्रमुख सहित चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
छत्रपति की बेटी श्रेयसी छत्रपति ने फेसबुक पर पोस्ट की कविता :
अब कातिल कभी सो नहीं पाएगा
उस रात कोई नहीं सोया था
न घर में बैठे हम
न आई.सी.यू. के बाहर चिंतित खड़ी मां
उस रात के बाद हम कई दिन नहीं सोए
पापा के घर लौटने के इंतजार में
और फिर पापा लौट आए
उसी कफन में लिपटे हुए
जो बड़े जुनून के साथ उन्होंने
अपने साथ रखा था हमेशा
और फिर उस कफन पर लिपटे फूलों ने
कभी सोने नहीं दिया हमें
उन रातों में
हम ही नहीं जगे थे अकेले
छत्रपति भी जगे थे हमारे साथ
और कहते रहे
सो मत जाना
मेरे चैन से सो जाने तक
वह कहते रहे
सो मत जाना
कातिल के सलाखों में जाने तक
अब पापा चैन से सो रहे हैं
और जेल के अंधेरे में जग रहा है कातिल
आज रात कातिल सो नहीं पाएगा
छत्रपति का कफन उसके गले का फंदा बन
हर झपकी से उसे अचानक
जगाएगा, डराएगा, रुलाएगा,
हां ! कातिल अब कभी सो नहीं पाएगा