Edited By pooja verma,Updated: 23 Jun, 2019 11:03 AM
सेल्फ फाइनैंस हाउसिंग इम्पलाइज स्कीम के तहत सी.एच.बी. ने यू.टी. कर्मचारियों को फ्लैट्स देने हैं।
चंडीगढ़ (राजिंद्र) : सेल्फ फाइनैंस हाउसिंग इम्पलाइज स्कीम के तहत सी.एच.बी. ने यू.टी. कर्मचारियों को फ्लैट्स देने हैं। यही कारण है कि चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने अब नोटिस जारी कर कर्मचारियों की राय मांगी है कि वह फ्लैट्स लेने को तैयार हैं या नहीं।
फ्लैट्स की कीमत व किस्तों में लैंड कॉस्ट पर कर्मचारियों को अपनी बात रखनी होगी। उन्हें 21 दिन का समय दिया गया है। फ्लैट्स की अधिक कीमत होने के चलते ही पूरा मामला लटका हुआ है और इस स्कीम में देरी हो रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने नोटिस जारी कर फ्लैट्स की कीमत व किस्तों में कर्मचारियों से लैंड कॉस्ट लेने के संबंध में उनकी राय मांगी है। प्रशासन ने उन्हें 74 हजार 131 रुपए प्रति स्क्वेयर यार्ड की कीमत पर लैंड अलॉट करने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि लैंड की इतनी अधिक कीमत वह कर्मचारियों की राय के बिना वहन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि कर्मचारियों से ही किस्तों में लैंड कॉस्ट ली जानी है। बोर्ड की ओर से सैक्टर-53 की 11.79 एकड़ जमीन में इन फ्लैट्स का निर्माण करवाया जाना है।
यहां अलग-अलग कैटेगरी के 565 फ्लैट्स बनने हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने हाउसिंग इम्पलाइज स्कीम के तहत मिलने वाली जमीन का स्टेटस क्लीयर किया है।
सैक्टर-52 और 56 में ही बनने हैं अधिक फ्लैट्स
सैक्टर-52 और 56 में बोर्ड ने 61.5 एकड़ जमीन पर 3066 फ्लैट का निर्माण करना है। मिनिस्ट्री ने बोर्ड को ये जमीन अलॉट करने की हरी झंडी दी थी, जबकि ये मामला लंबे समय से मिनिस्ट्री के पास लटका हुआ था।
गौरतलब है कि कर्मचारियों की इम्पलाइज हाउसिंग स्कीम वर्ष 2008 में लांच हुई थी और इसके लिए 7 हजार से अधिक कर्मचारियों ने आवेदन किए थे, लेकिन इसमें वर्ष 2010 में निकाले गए ड्रा में कुल 3930 कर्मचारी सफल रहे थे।