इलाज में लापरवाही से बच्चे की मौत के मामले में महिला डॉक्टर निलंबित

Edited By Priyanka rana,Updated: 30 Oct, 2019 09:16 AM

child death issue

डेराबस्सी के सरकारी अस्पताल में डाक्टर की लापरवाही से पांच वर्षीय बच्चे की मौत के मामला में स्वास्थ विभाग ने महिला डाक्टर हरलीन कौर को लापरवाही का दोषी पाया और उसे निलंबित कर दिया गया।

डेराबस्सी(गुरप्रीत) : डेराबस्सी के सरकारी अस्पताल में डाक्टर की लापरवाही से पांच वर्षीय बच्चे की मौत के मामला में स्वास्थ विभाग ने महिला डाक्टर हरलीन कौर को लापरवाही का दोषी पाया और उसे निलंबित कर दिया गया। सिविल सर्जन मोहाली डा. मंजीत सिंह ने इसकी पुष्टि की है। अगस्त में उक्त महिला डाक्टर की लापरवाही के चलते 5 वर्षीय शिवम नाम के बच्चे की मौत हो गई थी।

सिविल सर्जन मोहाली डा. मंजीत सिंह ने कहा कि रिपोर्ट में ड्यूटी पर तैनात डाक्टर की तरफ से लापरवाही की गई थी। पूरी रिपोर्ट बना कर उच्च अधिकारियों को भेज दी थी। मंगलवार को विभाग के सचिव की तरफ से रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए उक्त डाक्टर को निलंबित कर दिया गया। वहीं, मृतक शिवम के परिजनों ने जांच रिपोर्ट पर संतुष्टि जाहिर करते हुए विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि आरोपी महिला डाक्टर के खिलाफ फौजदारी के तहत मामला दर्ज होना चाहिए। 

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए थे जांच के आदेश :
परिजनों ने लिखित शिकायत पुलिस और सेहत विभाग को करते हुए ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाली डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने जांच के निर्देश दिए। 

जांच टीम ने मृतक बच्चे के परिवार के साथ बातचीत करने के अलावा ड्यूटी पर तैनात स्टाफ सदस्यों और अस्पताल में लगे सी.सी.टी.वी. कैमरो की फुटेज की जांच की गई थी। जांच टीम ने पाया कि महिला डॉक्टर ने इलाज में भारी लापरवाही की और डॉक्टर एक बार भी बच्चे की हालत देखने के लिए अपने कमरे से उठकर बाहर नहीं आई। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ही बच्चे को बचाने में जुटा रहा।

बीमार बच्चे को देखने कमरे से बाहर तक नहीं आई डॉक्टर :
डेराबस्सी निवासी विजय तिवारी के पांच वर्षीय बेटे की उल्टी और दस्त के कारण रात को हालत बिगड़ गई थी। वह रात डेढ़ बजे स्थानीय सरकारी अस्पताल लेकर आया। महिला डाक्टर हरलीन कौर ड्यूटी पर तैनात थी। विजय ने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर तैनात डाक्टर उसके बेटे को देखने के लिए अपने कमरे से भी बाहर नहीं आई। मौके पर तैनात स्टाफ ही बच्चे का इलाज करता रहा। 

डाक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे की तबीयत और बिगड़ गई। उन्होंने बच्चे को चंडीगढ़ सैक्टर-32 अस्पताल में रैफर करने के लिए डॉक्टर से बार-बार गुहार लगाई लेकिन डाक्टर के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। डाक्टर द्वारा पहले ही परेशान परिवार से बदसलूकी करते हुए ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप के तहत कार्रवाई करने की धमकी दे डाली। वह अपने बच्चे को बचाने के लिए जबरदस्ती उठा कर चंडीगढ़ सैक्टर-32 अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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