Edited By Priyanka rana,Updated: 23 Jul, 2019 08:00 AM
यू.टी. प्रशासन शहर में चंडीगढ़ इंडस्ट्रीयल एंड टूरिज्म डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन (सिटको) द्वारा चलाए जा रहे होटलों को प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी कर रहा है।
चंडीगढ़(राजिंद्र) : यू.टी. प्रशासन शहर में चंडीगढ़ इंडस्ट्रीयल एंड टूरिज्म डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन (सिटको) द्वारा चलाए जा रहे होटलों को प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए हाल ही में केंद्र सरकार ने प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं कि इन होटलों का मॉनिटाइजेशन करके इनसे अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त किया जाना चाहिए। प्रशासन ने भी केंद्र को इस संबंध में जवाब भेज दिया है और कहा कि वे इस संबंध में विकल्प तलाश रहे हैं। केंद्र ने स्पोर्ट्स काम्पलैक्स को भी प्राइवेट हाथों में देने के लिए कहा है लेकिन इस प्रस्ताव से प्रशासन ने इन्कार कर दिया है।
प्रशासन ने तर्क दिया है कि स्पोर्ट्स काम्पलैक्स के लिए वह बहुत ही मामूली फीस ले रहे हैं और शहर के युवा खिलाडिय़ों की सुविधा के लिए इनका निर्माण किया गया है। यही कारण है कि इन्हें निजी हाथों में नहीं दिया जा सकता क्योंकि इससे यह वह अपने मूल मकसद को खो देंगे। प्राइवेट हाथों में देने से इनकी फीस अधिक हो जाएगी।
शहर में चल रहे हैं सिटको के तीन होटल :
इस संबंध में प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उनके शहर में तीन होटल चल रहे हैं। सभी होटलों का मॉनिटाइजेशन करके इससे अच्छा खासा रैवेन्यू हासिल करने के संबंध में केंद्र सरकार ने उन्हें कहा था और वह इस बारे में प्रयास कर रहे हैं। मॉनिटाइजेशन का मतलब ये है कि या तो इसमें पूरी प्रॉपर्टी का निजीकरण कर दिया जाता है या फिर होटलों की फंक्शनिंग और मैनेजमैंट को आऊटसोर्स कर दिया जाएगा।
सिटको के सैक्टर-10 स्थित फाइव स्टार होटल माऊंट व्यू, सैक्टर-17 स्थित शिवालिक व्यू होटल और सैक्टर-24 में बजट होटल पार्क व्यू चल रहा है। सूत्रों के अनुसार केंद्र ने हाल ही में सभी स्टेट और यू.टी. से उन प्रॉपर्टी की डिटेल मांगी थी, जिनका सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है। केंद्र ने इसके बाद ही ऐसी सभी प्रॉपर्टी से रैवेन्यू हासिल करने के निर्देश दिए थे। वहीं, स्पोर्ट्स काम्पलैक्स का निजीकरण करने से उन्होंने इन्कार कर दिया है।
आऊटलैट्स का किया जा चुका निजीकरण :
इससे पहले प्रशासन सिटको द्वारा चलाए जा रहे अधिकतर आऊटलैट्स का भी निजीकरण कर चुका है। सैक्टर-10 स्थित लेजर वैली के आऊटलेट का हाल ही में निजीकरण करने का टैंडर जारी किया गया है। इससे पहले कलाग्राम के बैठक और सैक्टर-34 के ड्रॉप इन रैस्टोरैंट का भी निजीकरण किया जा चुका है।
सैक्टर-10 माऊंट व्यू स्थित चाइनीज होटल का भी निजीकरण किया गया था लेकिन उक्त दो रैस्टोरैंट में तो कंपनियां बीच में ही काम छोड़कर चली गई थी। यही कारण है कि एक रैस्टोरैंट की प्रशासन द्वारा से अलॉटमैंट करने का प्रयास कर रहा है। प्रशासन के तीनों होटल घाटे में होने की चर्चा रही है। यही कारण है कि प्रशासन समय-समय पर इससे उभरने के प्रयास करता रहा है।
यूनियन के तीखे तेवर, कहा-फैसले का होगा विरोध :
सिटको प्रोग्रैसिव यूनियन के प्रधान प्रेम लाल ने बताया वह किसी भी हालत में सिटको के होटलों का निजीकरण नहीं होंने देंगे। उन्होंने कहा कि सिटको के सभी होटलों से विभाग को ठीक कमाई हो रही है। अगर कहीं ये घाटे में भी जा रहे हैं तो इसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पहले जिन आऊटलैट्स का निजीकरण किया गया है, सिटको उन्हें भी सही रूप से नहीं चला पाया।