इलाज करवाने के बाद क्लेम देने में देरी, ESIC के रीजनल डायरैक्टर पर ठोका हर्जाना

Edited By Priyanka rana,Updated: 24 Aug, 2019 10:02 AM

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इलाज करवाने के बाद क्लेम देने में देरी ई.एस.आई.सी. के रीजनल डायरैक्टर और सैक्टर-23 के ई.एस.आई. डिस्पैंसरी के एस.एम.ओ. इंचार्ज को महंगी पड़ गई।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : इलाज करवाने के बाद क्लेम देने में देरी ई.एस.आई.सी. के रीजनल डायरैक्टर और सैक्टर-23 के ई.एस.आई. डिस्पैंसरी के एस.एम.ओ. इंचार्ज को महंगी पड़ गई। उपभोक्ता फोरम ने शिकायतकर्ता को क्लेम की राशि 2 लाख 16 हजार 566 रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ देने के आदेश दिए हैं। 

साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ के लिए 20 हजार रुपए मुआवजा और 10 हजार रुपए मुकद्दमा खर्च भी देने के निर्देश दिए हैं। आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिनों के अंदर इन आदेशों की पालना करनी होगी, नहीं तो राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा। ये आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-1 ने सुनवाई के दौरान जारी किए।

साढ़े 3 लाख रुपए खर्चा :
धनास के स्मॉल फ्लैट्स में रहने वाली सोनिया ने उपभोक्ता फोरम में सैक्टर-19ए स्थित ई.एस.आई.सी. के रीजनल डायरैक्टर और सैक्टर-23 स्थित ई.एस.आई. डिस्पैंसरी के एस.एम.ओ. इंचार्ज के खिलाफ शिकायत दी। सोनिया ने बताया कि वह नई दिल्ली के एक्सेस डैंटल प्राइवेट लिमिटेड में काम करती हैं। समय-समय पर उन्होंने ई.एस.आई. जमा करवाया।

उनके पिता का 4 फरवरी 2015 को चंडीगढ़ में एक्सीडैंट हो गया, उन्हें जी.एम.सी.एच. सैक्टर-32 और मोहाली के सैक्टर-69 स्थित मायो हैल्थ केयर सुपर स्पैशिएलिटी हॉस्पिटल में 4 फरवरी से लेकर 14 मई तक इलाज के लिए भर्ती रहना पड़ा। इस बीच कुल इलाज का खर्च 3 लाख 50 हजार 684 रुपए बना, जो कि उन्होंने खुद अपने पास से दिया। मैडीकल भरपाई के लिए वह ई.एस.आई.सी. के पास गईं लेकिन क्लेम देने में देरी की गई।

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