Edited By Priyanka rana,Updated: 24 Mar, 2019 09:11 AM
रिटायरमैंट के बाद अजीविका कमाने के लिए कमर्शियल यूनिट बुक की थी लेकिन कंपनी ने वायदे के अनुरूप पजेशन नहीं दिया, जिसके चलते फोरम ने कंपनी को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है।
चंडीगढ़(राजिंद्र) : रिटायरमैंट के बाद अजीविका कमाने के लिए कमर्शियल यूनिट बुक की थी लेकिन कंपनी ने वायदे के अनुरूप पजेशन नहीं दिया, जिसके चलते फोरम ने कंपनी को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है।
फोरम ने निर्देश दिए हैं कि कंपनी शिकायतकर्ता को उससे ली गई 5 लाख 31 हजार 250 रुपए की राशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाए। साथ ही कंपनी को मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ के लिए 50 हजार रुपए हर्जाना और 10 हजार रुपए मुकद्दमा खर्च भी देना होगा। आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिन के अंदर आदेशों का पालन करना होगा। ये आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-2 ने सुनवाई के दौरान जारी किए।
कंपनी हर बार टालती रही :
वर्ष 2014 में कंपनी ने शिकायतकर्ता को बताया कि वह कमर्शियल यूनिट का उसे पजेशन नहीं दे सकते हैं, क्योंकि गवर्नमैंट से उसकी उन्हें अप्रूवल नहीं मिली है, लेकिन शिकायतकर्ता हाऊसिंग यूनिट लेना चाहता है तो इस राशि को वह उसमें एडजस्ट कर सकते हैं। इसके बाद कोई और विकल्प न बचने पर शिकायतकर्ता कमर्शियल यूनिट की जगह हाऊसिंग यूनिट लेने के लिए राजी हो गया।
इस दौरान उसने अलग-अलग तरीख को 2 लाख रुपए और कंपनी को दे दिए। 16 जून 2015 को कंपनी ने उसे पेमैंट कंफर्मेशन लैटर जारी कर दिया, जिसमें कुल पेमैंट पांच लाख 6 हजार 250 रुपए थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी ने उन्हें प्रोजैक्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी और न ही साइट पर किसी भी प्रकार की कोई डिवैल्पमैंट शुरू की। कंपनी पजैशन देने की बात को टालती रही। जिसके बाद ही उसने कंपनी से पूरा अमाऊंट रिफंड करने की मांग की।
कंपनी के पास अप्रूवल्स और परमिशन नहीं थी :
शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी ने जब उनसे अमाऊंट लिया तो उसके पास जरूरी अप्रूवल्स और परमिशन नहीं थी, जिसके बाद ही उन्होंने इस संबंध में फोरम में शिकायत दी। कंपनी एक बार एडवोकेट के जरिए फोरम में पेश हुई, लेकिन उसके बाद उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा, जिसके चलते 13 नवम्बर 2018 को उनका डिफैंस स्ट्रक ऑफ कर दिया गया।