Edited By Priyanka rana,Updated: 19 Sep, 2018 10:56 AM
टैक्स घोटाले में विभाग का नाम बदनाम होने के बाद एक्साइज टैक्सेशन विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
चंडीगढ़(साजन) : टैक्स घोटाले में विभाग का नाम बदनाम होने के बाद एक्साइज टैक्सेशन विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कंप्यूटर पर लॉग इन करने के लिए अब मुलाजिमों को रोजाना वन टाइम पिन (ओ.टी.पी.) जारी होगा।
इस ओ.टी.पी. के जरिये ही किसी भी मुलाजिम का लॉग इन खुलेगा। यानि कंप्यूटर किसी भी मुलाजिम के कंप्यूटर लॉग इन को उसे भेजे ओ.टी.पी. के बगैर नहीं खोला जा सकेगा। इसे सेफ्टी फीचर के तौर पर अपनाया जा रहा है।
कंपनियों से कई कागजात मांगे :
उधर, एक्साइज-टैक्सेशन विभाग ने फिलहाल कंपनियों से रिकवरी का जो प्रोसैस शुरू किया है उसके तहत कई कागजात भी मांगे गए हैं। कंपनियों से उनकी सेल के अगेंस्ट सी फार्म मांगे गए हैं। इससे पता चल पाएगा कि किस महीने या किस साल में कंपनी ने कितनी सेल की और उस सेल पर कितना टैक्स भरा।
टैक्स घोटाले में कई कर्मियों का रोल :
हाल ही में यह सामने आया था कि विभाग में जो 150 से 200 करोड़ रुपये का टैक्स घोटाला हुआ है उसमें विभाग के बहुत से मुलाजिमों का रोल है। कंपनियों का टैक्स तय करने के लिए बिचौलिये मुलाजिमों तक पहुंच बनाते थे और कम टैक्स तय करते थे। मुलाजिम इस हेरफेर के खेल को बड़े ही नायाब तरीके से अंजाम देते थे। वह खुद का कंप्यूटर लॉग इन नहीं खोलते थे बल्कि दूसरे मुलाजिम के लॉग इन के जरिए कंप्यूटर खोलते थे। वहां कंपनी का टैक्स अकाउंट ऑपरेट होता था।
विजिलेंस जांच में यह तथ्य सामने आया जिसके बाद विभाग के बहुत से कंप्यूटर व सर्वर को विजीलैंस ने अपने कब्जे में ले लिया है। इन्हें विजीलैंस द्वारा खंगाला जा रहा है। आई.टी. विशेषज्ञों के जरिये पता लगाया जा रहा है कि कौन कौन से मुलाजिमों के लॉग इन आईडी खोले गए और उसमें कौन कौन सी कंपनियों के टैक्स ऑपरेट हुए। कंपनी के कितने कितने टैक्स की पोस्टिंग हुई।
माना जा रहा है कि एक दर्जन से ज्यादा मुलाजिम इस कारनामे को अंजाम दे रहे थे। कई अफसर भी इस खेल में शामिल बताए जा रहे हैं। हालांकि कहा ये जा रहा है कि अफसरों ने विश्वास के चलते अपने लॉग इन आई.डी. मुलाजिमों को बताए थे जिसके चलते कई शातिर किस्म के मुलाजिमों ने हेरफेर किया।