एकल पुरुष सरकारी कर्मचारियों को भी मिलेगी ‘चाइल्ड केयर लीव’

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 27 Jun, 2022 08:31 PM

condition not applicable for handicapped children

मुख्यमंत्री  मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई। अब एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी को भी दो साल की बाल देखभाल छुट्टी की अनुमति होगी।

चंडीगढ़,(बंसल): मुख्यमंत्री  मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई। अब एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी को भी दो साल की बाल देखभाल छुट्टी की अनुमति होगी। यह नियम हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) प्रथम संशोधन नियम, 2022 कहे जाएंगे। संशोधन के अनुसार एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी (अविवाहित, विधुर या तलाकशुदा) और महिला सरकारी कर्मचारी 18 वर्ष की आयु तक के अपने दो बड़े बच्चों की देखभाल लिए अपनी पूरी सेवा के दौरान अधिकतम दो साल (यानी 730 दिन) के लिए चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, दिव्यांग बच्चों के मामले में आयु की कोई सीमा नहीं होगी। सक्षम चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा जारी अशक्तता प्रमाण पत्र के अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक अशक्तता और दिव्यांग बच्चा पूरी तरह से महिला या एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी पर निर्भर है, को यह लाभ मिलेगा। 

 


अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की नीति को मिली मंजूरी
बैठक में हरियाणा राज्य में नगरपालिका क्षेत्र के बाहर बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं और नागरिक सुविधाओं के प्रावधान तथा अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की नीति को मंजूरी दी गई। यह नीति नगरपालिका सीमा सेबाहर के क्षेत्र में लागू होगी और इससे लगभग 2,000 अनधिकृत कॉलोनियों को लाभ होगा। इन कॉलोनियों में नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण नोडल एजैंसी होगा। नीति की अधिसूचना से 6 महीने की अवधि के भीतर अनधिकृत कॉलोनियों के डिवैल्पर्स/आर.डब्ल्यू.ए.एस. से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, जिसकी जांच उपायुक्त की अध्यक्षता वाली एक स्थानीय समिति द्वारा की जाएगी। बिल्डअप एरिया के लिए 5 प्रतिशत और खुले क्षेत्रों के लिए 10 प्रतिशत की दर से विकास शुल्क प्राप्त करने के बाद कालोनियों को नियमित किया जाएगा और नागरिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। जहां कॉलोनी 50 प्रतिशत से कम विकसित की गई है, उनमें सामुदायिक स्थलों, पार्कों, खुली जगहों और सार्वजनिक उपयोगिताका प्रावधान डिवैल्पर्स द्वारा किया जाना होगा। 
 

 

यू.एच.बी.वी.एन.एल. के लिए 700 करोड़ की गारंटी प्रदान करने की मंजूरी 
मंत्रिमंडल की बैठक मेें राज्य सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय और बिजली खरीद भुगतान को पूरा करने के लिए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (यू.एच.बी.वी.एन.एल.) को स्वीकृत ऋण के खिलाफ सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सैक्टर -10, पंचकूला के पक्ष में 700 करोड़ की गारंटी प्रदान करने के प्रस्ताव को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। फंड-आधारित आवश्यकता को पूरा करने के लिए, यू.एच.बी.वी.एन.एल. ने विभिन्न बैंकों से 500 करोड़ के कैपेक्स ऋण तथा 200 करोड़ के कार्यशील पूंजी ऋण को मंजूरी देने का अनुरोध किया था। सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सैक्टर-10, पंचकूला ने निगम के अनुरोध पर विचार किया और 500 करोड़ का कैपेक्स ऋण स्वीकृत कर दिया। 31 मार्च, 2022 को लिया गया पूंजीगत ऋण 1988 करोड़ है।
 

 

पंचकूला जिले में लाइसैंस और सी.एल.यू. के लिए विभिन्न शुल्क और चार्जिज की संशोधित दरों को मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में मोहाली में 2020-21 और 2021-22 के लिए लागू विभिन्न शुल्क और अन्य चार्ज के बराबर लाने के लिए पंचकूला जिले में लाइसैंस और सी.एल.यू. अनुमति देने के लिए तय किए गए विभिन्न शुल्क और चार्जिज की संशोधित दरों के विस्तार को मंजूरी दी गई। 
 

 

लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) नियम, 2022 संशोधित
हरियाणा सरकार ने हरियाणा लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) नियम, 2022 के नियम -6 (2) में संशोधन किया है, जिसके तहत ‘‘तीन किलोमीटर’’ शब्द को ‘‘पांच सौ मीटर’’ से प्रतिस्थापित किया गया है, जैसा कि मूल प्रस्ताव में है। हरियाणा में वन क्षेत्र के 500 मीटर के बाहर व तीन किलोमीटर के भीतर स्थित मौजूदा लकड़ी आधारित उद्योगों को लाइसेंस या पंजीकरण की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यह संशोधन किया गया है। बैठक में हरियाणा लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) नियम, 2022 के संशोधन के संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इन नियमों को हरियाणा लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) संशोधन नियम, 2022 कहा जा सकता है।
 

 

आर्थिक एवं सांख्यिकीय विश्लेषण विभाग का नाम बदलकर किया आर्थिक एवं सांख्यिकीय मामले विभाग, हरियाणा 
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सरकार (आवंटन) नियम, 1974 के कार्य में योजना विभाग के विषय मामलों के प्रतिस्थापन और निदेशालय स्तर पर विभाग के नामकरण परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इन नियमों को हरियाणा सरकार (आवंटन) संशोधन नियम, 2022 कहा जाएगा। निदेशालय स्तर पर आर्थिक एवं सांख्यिकीय विश्लेषण विभाग, हरियाणा का नाम बदलकर आर्थिक एवं सांख्यिकीय मामले विभाग, हरियाणा कर दिया गया है। योजना विभाग के तहत स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान नाम से एक संस्थान भी स्थापित किया गया है। राज्य में ‘‘चिट फंड्स अधिनियम, 1982’’ और ‘‘हरियाणा चिटफंड नियम, 2018’’ के कार्यान्वयन का कार्य भी इस विभाग को सौंपा गया है। तदनुसार विभाग के शासनादेश में महत्वपूर्ण परिवर्तन को देखते हुए उक्त प्रस्तावों को मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान की है। 
 
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!