HSVP पर लाखों रुपए लेने का आरोप, कंज्यूमर कोर्ट ने किए खारिज

Edited By Priyanka rana,Updated: 08 Aug, 2019 12:26 PM

consumer court

डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्पयूट्स रिड्रैसल फोरम में मनीमाजरा के रहने वाले एक शख्स ने एच.एस.वी.पी. के चीफ एडमनिस्टे्रटर व ई.ओ. पानीपत को पार्टी बनाकर शिकायत दायर की थी।

पंचकूला(मुकेश) : डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्पयूट्स रिड्रैसल फोरम में मनीमाजरा के रहने वाले एक शख्स ने एच.एस.वी.पी. के चीफ एडमनिस्टे्रटर व ई.ओ. पानीपत को पार्टी बनाकर शिकायत दायर की थी। इसमें आरोप लगाया था कि करीब 16 लाख रुपए अदा करने के बावजूद उन्हें न तो कब्जा दिया न ही बकाया राशि व एन्हांसमैंट के संबंध में कोई नोटिस भेजा गया। 

मामले की सुनवाई के दौरान दोनों फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और उस आधार पर मनीमाजरा स्थित शिवालिक एन्क्लेव निवासी 60 वर्षीय शिकायतकर्ता हरविंद्र जटाना द्वारा दायर की गई याचिका को निराधार पाया व शिकायत को खारिज करते हुए एच.एस.वी.पी. के हक में फैसला सुनाया। इसके चलते किसी भी तरह की कोस्ट लगाने का कोई आर्डर पारित नहीं किया। 

एच.एस.वी.पी. पर ज्यादा राशि मांगने का लगाया था आरोप :
डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्पयूट्स रिड्रैसल फोरम में दायर शिकायत में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि पानीपत के सैक्टर-24 स्थित अर्बन एस्टेट में प्लाट हुआ था, जिसकी पेमैंट उसने समय-समय पर करते हुए करीब 16 लाख रुपए एच.एस.वी.पी. के पास जमा भी करवाया। 

27 नवम्बर 2017 तक एन्हांसमैंट के संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। बल्कि बिना किसी राशि के विभाजन की डिटेल किए एक नोटिस विभाग ने जारी किया गया। इसमें विभाग द्वारा शिकायतकत्र्ता के खिलाफ जरूरत से ज्यादा 16 लाख 21 हजार रुपए की राशि दिखाई गई। 

शिकायतकर्ता के अनुसार उसने करीब 6 लाख रुपए जैसी बड़ी रकम जमा करवाई लेकिन इसके बावजूद परेशानी का सामना करने की वजह से वित्तीय हानि के साथ-साथ मानसिक पीड़ा से भी गुजरना पड़ा।

नोटिस, नियम और आबंटन पत्र की शर्तों पर पूरा नहीं उतरा शिकायतकर्ता :
शिकायतकर्ता के आरोपों पर जवाब देते हुए एच.एस.वी.पी. ने फोर्म को अवगत करवाया कि आरोप निराधार हैं, बल्कि शिकायतकर्ता ने नोटिस, नियम और आबंटन पत्र की शर्तों को पूरा नहीं किया। फोर्म को बताया कि प्लॉट नंबर -1502, सैक्टर -24, अर्बन एस्टेट, पानीपत को आबंटित किया था। 

आबंटन पत्र की शर्तों और शर्तों के अनुसार कब्जे का ब्याज, क्योंकि नोटिस, नियम और आबंटन पत्र की शर्तों के बावजूद शिकायतकर्ता विफल रहा है। शिकायतकर्ता न तो कब्जे के लिए आगे आया और न ही उसने भवन योजना के लिए आवेदन किया। शिकायतकर्ता को नोटिस के जरिए अवगत भी करवाया था कि 30 दिनों के भीतर राशि को जमा किया जा सकता है। जिसे जमा करवाने में वह विफल रहा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!