Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 11:20 AM
जिला कन्ज्यूमर कोर्ट ने अम्बाला के रमन संगरा की पटीशन का निपटारा करते हुए मोरिंडा के कक्कड़ अस्पताल के विरुद्ध फैसला सुनाते हुए 10 हजार रुपए का हर्जाना और 5 हजार रुपए मुकद्दमा लडऩे का खर्च अदा करने का फैसला सुनाया है।
मोहाली(नियामियां) : जिला कन्ज्यूमर कोर्ट ने अम्बाला के रमन संगरा की पटीशन का निपटारा करते हुए मोरिंडा के कक्कड़ अस्पताल के विरुद्ध फैसला सुनाते हुए 10 हजार रुपए का हर्जाना और 5 हजार रुपए मुकद्दमा लडऩे का खर्च अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके साथ ही रमन संगरा से वसूले गए 75 हजार रुपए भी वापस करने के आदेश दिए हैं।
अम्बाला के व्यक्ति रमन संगरा ने कक्कड़ अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कन्ज्यूमर कोर्ट में पटीशन दायर की थी। पटीशन में उसने कहा था कि मोरिंडा का यह कक्कड़ अस्पताल हेयर ट्रांसप्लांट सैंटर का काम करता है। अस्पताल का इश्तिहार देख कर उसने अपने सिर पर बाल ट्रांसप्लांट करने के लिए उक्त अस्पताल के मालिक /मैनेजर नीरज कक्ककड़ के साथ संपर्क किया और उसे 9 जून, 2015 को अस्पताल में बुलाया गया। उसने हस्पताल की रसीद नंबर-504 द्वारा 75 हजार रुपए अस्पताल को अदा किए और अस्पताल की तरफ से उसे सिर पर बाल लगाने और उनके बढऩे आदि की पूरी गारंटी दी गई।
रमन संगरा को साल में 4 इंजैक्शन भी लगाने के लिए कहा गया। उसने डाक्टर की तरफ से बताए अनुसार दवाएं लीं और हर तरह का परहेज भी किया।
उसने कहा कि डाक्टर नीरज कक्कड़ की तरफ से 10 महीने बाद बाल कटवा लेने के लिए कहा गया। इसके बाद उसने देखा कि उसके बाल बढ़ नहीं रहे। उसका सिर उसी तरह का था, जैसे हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से पहले था।
उसने आरोप लगाया था कि डाक्टर नीरज कक्कड़ ने अपने अस्पताल में उसके सिर पर सही तरीके से बाल नहीं लगाए। उल्टा उसे सिर दर्द और आंखों में दर्द होना शुरू हो गया था। इस करके उसे मानसिक और शारीरिक परेशानी के साथ-साथ उसका वित्तीय नुक्सान भी हुआ। शिकायत के उत्तर के तौर पर अस्पताल ने इस शिकायत को ही आधारहीन बताया और कहा कि यह शिकायत गलत है और तथ्यों से हीन है। डाक्टर ने अपने इलाज को सही बताया।
कन्ज्यूमर कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए आदेश दिए कि शिकायतकर्ता के इलाज के लिए लिए गए 75 हजार रुपए 1 सितम्बर 2016 से 7 प्रतिशत सालाना ब्याज दर के साथ अदा करे और 10 हजार रुपए उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताडि़त करने के लिए अदा करे। इसके साथ ही मुकद्दमा खर्च के तौर पर 5 हजार रुपए अदा किए जाएं। अस्पताल को 30 दिनों के अंदर यह राशि शिकायत कर्ता को अदा करने की हिदायत की गई है। यह आदेश अदालत की प्रधान माननीय नीना संधू और शविन्दर कौर ने जारी किया है।