कोरोना खौफ : कोरोना पेशैंट्स के इलाज से डरे धनवंतरी के हैल्थ वर्कर्स

Edited By Priyanka rana,Updated: 09 May, 2020 10:31 AM

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कोरोना पेशैंट्स से हैल्थ वर्कर्स भी डरने लगे हैं। प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड में ड्यूटी करने वाले हैल्थ वर्कर्स को 14 दिन काम और 14 दिन क्वॉरंटाइन पर हॉस्पिटल में ही रहना था।

चंडीगढ़(अर्चना) : कोरोना पेशैंट्स से हैल्थ वर्कर्स भी डरने लगे हैं। प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड में ड्यूटी करने वाले हैल्थ वर्कर्स को 14 दिन काम और 14 दिन क्वॉरंटाइन पर हॉस्पिटल में ही रहना था। ऐसे में सैक्टर-46 स्थित धनवंतरी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल एंड मैडीकल कॉलेज के बहुत से डॉक्टर्स व नर्सिज ने कोविड ड्यूटी के लिए प्रबंधन को ड्यूटी के लिए स्वीकृति ही नहीं दी। 

सूत्रों को मानें तो अस्पताल में 40 डॉक्टर्स में से सिर्फ 8 और 20 के करीब नर्सिज में से दो से तीन नर्सिज ने ही कोविड ड्यूटी के लिए हामी भरी है। अस्पताल के बहुत से सिक्‍योरिटी गार्ड तो कोविड पेशैंट्स के भर्ती होने के बाद घबराकर अपनी ड्यूटी से भाग खड़े हुए हैं।

वेतन भी नहीं मिला पूरा, 28 दिन घर से दूर भी :
सूत्र कहते हैं कि अस्पताल के स्टाफ को वेतन भी पूरा नहीं मिल रहा था व कोविड ड्यूटी की वजह से उन्हें 28 दिन के लिए लगातार घर से दूर रहना था ऐसे में उन्होंने खुद को बचाना ही बेहतर समझा। 

हालांकि प्रबंधन का कहना है कि कोविड वार्ड में ज्यादा डॉक्टर्स की जरूरत ही नहीं है। अस्पताल में 23 कोरोना पेशैंट भर्ती हैं। पेशैंट्स की देखरेख दो शिफ्ट में की जा रही है। एक शिफ्ट में तीन डॉक्टर्स और एक नर्स की ड्यूटी है। एलोपैथिक डॉटर जी.एम.सी.एच.-32 से है।

सारे डॉक्टर्स की ड्यूटी के लिए जरूरत नहीं :
डिप्टी मैडीकल सुपरिटैंडैंट डॉ. सुमित श्रीवास्तव का कहना है कि 8 डॉक्टर्स और कुछ नर्सिज ने कंसैंट दी है। सारे डॉक्टर्स की ड्यूटी के लिए जरूरत नहीं है। अगले 14 दिन में बाकी चार डाटर्स काम करेंगे। बाकी हैल्थ वर्कर्स का कंसैंट भी ले लिया जाएगा। कम से कम तीन महीने कोविड पेशैंट्स का इलाज कर सकते हैं।

जबरन किसी को ड्यूटी पर नहीं ला सकते : डॉ. मित्तल 
हॉस्पिटल की एजुकेशनल सोसाइटी के जनरल सैक्रेटरी डॉ. नरेश मित्तल का कहना है कि अभी तक के रोस्टर के मुताबिक हमारे पास डॉक्टर हैं। आगे जरूरत पड़ेगी तो बाकी हैल्थ वर्कर्स का कंसैंट भी ले लेंगे। हम जबरन किसी को ड्यूटी पर नहीं ला सकते। 

कुछ डॉक्टर व नर्सिज के बच्चे छोटे हैं, कुछ गर्भवती हैं और बाकी की अपनी समस्या है। ऐसे में हम क्या कर सकते हैं? रही बात वेतन की तो कुछ अलाऊंस देना बाकी है। बैंक से लोन लिया जा रहा है। जल्द ही बाकी का पैसा भी दे दिया जाएगा। तीन डॉक्टर और एक नर्स की ड्यूटी लगी है।

आयुष दवाओं का ट्रायल कर रहे हैं :
आयुर्वैदिक अस्पताल में पेशैंट्स रखने का उद्देश्य आयुर्वैदिक दवाओं का पेशैंट्स पर असर देखना है। हमारे अस्पताल में कोविड पेशैंट्स पर आयुष 64 दवा के असर को देखना है। देखेंगे पेशैंट्स में दवा लेने के बाद कितनी जल्द एंटीबॉडीज बनेंगी। पेशैंट्स को साथ में एलोपैथिक ट्रीटमैंट भी दिया जा रहा है। पेशैंट्स को अगस्त हरीतकी पेस्ट खाने के लिए और नाक में लगाने के लिए अनु तेल भी दिया जा रहा है।

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