डॉक्टर्स में भी दिखने लगा कोरोना का असर, GMCH के डॉक्टर का हुआ टैस्ट

Edited By Priyanka rana,Updated: 23 Mar, 2020 10:23 AM

corona test

कोरोना के खौफ का असर अब चंडीगढ़ के डॉक्टर्स पर भी दिखने लगा है। गवर्नमैंट मैडीकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 के एक डॉक्टर को सांस की दिक्कत, तेज बुखार के बाद कोरोना टैस्ट करना पड़ा।

चंडीगढ़(अर्चना) : कोरोना के खौफ का असर अब चंडीगढ़ के डॉक्टर्स पर भी दिखने लगा है। गवर्नमैंट मैडीकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 के एक डॉक्टर को सांस की दिक्कत, तेज बुखार के बाद कोरोना टैस्ट करना पड़ा। 

डॉक्टर को कोरोना संदिग्ध मानते हुए इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती भी किया गया। हालांकि डॉक्टर की रिपोर्ट नैगेटिव आई है, परंतु सूत्रों की मानें तो डॉक्टर को भर्ती करने के तुरंत बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। डॉक्टर ने ऐतराज जताया कि उसे कोरोना पेशैंट्स के वार्ड के साथ ही भर्ती कर दिया गया है और ऐसा करने की वजह से उन्हें संक्रमण हो सकता है।

डायरैक्टर प्रिंसिपल से कर दी शिकायत :
डॉक्टर को वी.आई.पी. रूम में रखा गया था, परंतु साथ के कमरे में कोरोना पेशैंट्स का इलाज किया जा रहा था और कोरोना पॉजीटिव और संदिग्ध पेशैंट्स का इलाज करने वाली नर्स और डॉक्टर भी एक होने की वजह से डॉक्टर ने डायरैक्टर प्रिंसिपल को शिकायत की कि उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा है। 

मैडीकल सुपरिटैंडैंट प्रो. रवि गुप्ता का कहना है कि इलाज पूरी सावधानी के साथ किया जा रहा है और सारे नियमों की पालना की जा रही है। डाक्टरों व नर्सों को मास्क दिए गए हैं। 

रिपोर्ट आई नैगेटिव तो भेज दिया घर :
देर रात जब डॉक्टर की टैस्ट रिपोर्ट नैगेटिव आई तो डॉक्टर को घर भेज दिया गया। सूत्र कहते हैं कि अस्पताल के डॉक्टर के बीमार होने के बाद अन्य डॉक्टर भी खौफ में हैं कि कहीं डॉक्टर की बीमारी उन्हें भी चपेट में न ले ले। 

मास्क तक नहीं दिए गए हैं स्टाफ को :
डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल के अंदर ही कोरोना पेशैंट्स के इलाज की वजह से उन सब पर भी संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। अस्पताल के सभी डाक्टर, नर्स व पैरामैडीकल स्टाफ को मास्क तक नहीं दिए गए हैं।  

सैक्टर-48 के अस्पताल में किया जाए इलाज :
डाक्टरों का कहना है कि कोरोना पेशैंट्स भले वह जी.एम.सी.एच.-32, पी.जी.आई. या जी.एम.एस.एच.-16 के हैं, उन सबको सैक्टर-48 के अस्पताल में रखकर इलाज देना चाहिए ताकि सारे अस्पतालों में कोविड-19 का खतरा न हो। 

सैक्टर-48 के अस्पताल में डाक्टर्स व नर्सेज व पैरामैडीकल स्टाफ की संख्या भी कम होगी। डॉक्टर का कहना है कि अगर कोरोना पॉजीटिव पेशैंट्स को यहीं इलाज मिलता रहा तो संभव है कि डॉक्टर्स भी संक्रमित हो जाएं और संक्रमण कम्युनिटी में फैलना शुरू हो जाए। 

कोरोना स्क्रीनिंग के लिए भी हुआ अस्पताल में हंगामा :
सूत्र कहते हैं कि जी.एम.सी.एच.-32 के स्क्रीनिंग एरिया के पास रविवार सुबह के समय स्क्रीनिंग को लेकर खूब हंगामा हुआ। एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अस्पताल के स्टाफ को कहा कि उसका बच्चा विदेश से लौटा है। 

इसलिए उसे कोरोना के लिए खुद की स्क्रीनिंग करवानी है परंतु स्टाफ ने कहा कि उनकी स्क्रीनिंग कर देेते हैं, थोड़ा इंतजार करें। परंतु बुजुर्ग घबराहट में था और उसने शोर मचाना शुरू कर दिया कि पहले उसकी स्क्रीनिंग की जानी चाहिए बाकी लोगों की बाद में हो सकती है। विवाद इतना बढ़ गया कि अस्पताल में मौजूद पुलिस को बीच में आना पड़ा। फिर बुजुर्ग का टैस्ट भी हुआ और बाकी के मरीजों के टैस्ट भी किए गए। 

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