कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज के सैंपल भेजे पुणे, आज आएगी रिपोर्ट

Edited By Priyanka rana,Updated: 29 Jan, 2020 08:58 AM

corona virus

पी.जी.आई. में एडमिट कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज के ब्लड व थ्रोट स्वैब के सैंपल्स जांच के लिए पुणे एन.आई.वी. (नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी) में भेजे गए हैं।

चंडीगढ़(पाल) : पी.जी.आई. में एडमिट कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज के ब्लड व थ्रोट स्वैब के सैंपल्स जांच के लिए पुणे एन.आई.वी. (नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी) में भेजे गए हैं। पी.जी.आई. डायरैक्टर के मुताबिक बुधवार तक मरीज की रिपोर्ट आएगी, जिसके बाद ही पता लग पाएगा कि मरीज को कोरोना वायरस है या नहीं। 

पी.जी.आई. इंटर्नल मैडीसन विभाग के डा. विकास सूरी ने बताया कि फिलहाल मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। मरीज की हालत अंडर कंट्रोल है। दिक्कत यह है कि फिलहाल एच1.एन1 वायरस का सीजन चल रहा है। दोनों ही वायरस के लक्षण बहुत मिलते-जुलते हंै। ऐसे में कहा नहीं जा सकता है कि मरीज को कोरोना वायरस ही है। 

फिलहाल स्थिति गंभीर नहीं :
पी.जी.आई. के डायरैक्टर जगत राम ने बताया कि 23 जनवरी को डिपार्टमैंट की एक मीटिंग हुई थी। इसमें कोरोना वायरस को देखते हुए उन्होंने स्पैशल आइसोलेशन वार्ड बनाने का फैसला पहले ही ले लिया था। 

उन्होंने कहा कि स्थिति गंभीर नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व दूसरे स्टेट के चीफ सैके्रटरी को पी.जी.आई. ने लैटर लिखा है, जिसमें कहा गया है कि संदिग्ध पेशैंट्स को पी.जी.आई न भेजें। आइसोलेशन वार्ड हर जगह बनाए जा सकते हैं। जहां तक जांच की बात है तो सैंपल्स पुणे में भेजे जा रहे हैं। अगर सारे संदिग्ध मरीज पी.जी.आई. आने लगे तो हालात मुश्किल हो सकते हैं। 

5 दिन रुका था चीन में :
मोहाली का रहने वाला 28 साल का युवक 16 जनवरी को चीन गया था और 20 जनवरी तक बीजिंग में रुका था। इसी बीच वह चोंगपिंग, गांजव में भी गया जोकि वुहान से 800 किलोमीटर दूर है, जहां से यह कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ है। 

21 जनवरी को वापस इंडिया आने के बाद 25 जनवरी को उसे हल्का बुखार आया। दवाइयां लेने के बाद वह ठीक हो गया लेकिन अगले दिन दोबारा लक्षण सामने आने के बाद मोहाली से उसे पी.जी.आई. रैफर किया गया। डा. सूरी ने बताया कि मरीज के लक्षण भारत सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस से मिलते हैं। मरीज को आते ही आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। उसकी पत्नी, बेटी, मां व एक रिश्तेदार को भी आइसोलेशन में रखा गया है। 

हर स्टेट से आ रहे सैंपल :
एन.आई.वी. (नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी) ही इंडिया का एक ऐसा इंस्टीच्यूट है, जहां कोरोना वायरस के सैंपल की जांच की जा रही है। पूरे देश से सभी राज्यों के सैंपल को जांच के लिए यहां भेजा जा रहा है। 80 से 90 सैंपल पुणे में आ रहे हंै।  

एच1एन1 और कोरोना वायरस के लक्षण बहुत कॉमन :
डा. सूरी ने बताया कि एच1एन1 और कोरोना वायरस के लक्षण बहुत मिलते-जुलते हंै। यह वायरस 21 से 22 जनवरी के बीच पैदा हुआ है। मैडीसन के दो बड़े जरनल लैनसेट और एन.जे.एम.एम. में डाटा पब्लिश हुआ है। हर 6 महीने में वायरस में बदलाव आ जाता है इसलिए दोनों में फर्क बताया नहीं जा सकता। 

एक बात सामने आई है कि कोरोना वायरस में निमोनिया ज्यादा होता है जबकि गला खराब नहीं होता। लेकिन हर केस में ऐसा हो, यह जरूरी भी नहीं। अगर मैडीकल लिट्रेचर को पढ़ा जाए तो पहली दफा नहीं है कि यह सामने आया है। फिलहाल इसकी कोई मैडीसन नहीं है लेकिन हैंड हाइजिन, फेस मास्क व कुछ एहतियात बरत कर इससे बचा सकता है। खासकर किसी से हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते कहा जाए तो वह ज्यादा कारगर है। 

जी.एम.सी.एच. में भी आइसोलेशन वार्ड की तैयारी :
कोरोना वायरस को लेकर जहां हैल्थ विभाग ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है, वहीं सभी अस्पतालों में अलर्ट कर दिया गया है। जी.एम.सी.एच. में आइसोलेशन वार्ड बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। माइक्रोबायोलॉजी के हैड डा. जगदीश चंद्र ने बताया कि वायरस को लेकर अलर्ट है। आइसोलेशन वार्ड बनाने शुरू हो गए हैं। 

7 लक्षण

  • नाक बहना
  • सिर में तेज दर्द
  • खांसी और कफ
  • गला खराब, बुखार
  • थकान और उल्टी महसूस होना, निमोनिया
  • ब्रॉन्काइटिस
  • सांस लेने में तकलीफ

ऐसे रोका जा सकता है :

  • सांस से जुड़ी बीमारी के लक्षण किसी में दिखें तो उससे दूर रहें।
  • हाथों को अच्छी तरह से धोएं और सफाई का पूरा ध्यान रखें।

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