Edited By pooja verma,Updated: 12 Sep, 2018 10:54 AM
नगर निगम की सदन की बैठक आगामी 14 सितम्बर को होगी।
चंडीगढ़ (राय): नगर निगम की सदन की बैठक आगामी 14 सितम्बर को होगी। बैठक में टैक्सी स्टैंड्स अलॉटमैंट के संबंध में नई पॉलिसी बनाने जिसमें वर्तमान टैक्सी स्टैंड्स वालों को प्राथमिकता दिए जाने का एजैंडा लाया जा रहा है। टैक्सी स्टैंड्स का अलॉटमैंट पीरियड पहले ही समाप्त हो चुका है।
इस समय शहर में कुल 61 टैक्सी स्टैंड्स हैं, जिनमें से 54 टैक्सी स्टैंड संचालकों ने निगम को 31 मार्च 2018 तक की बकाया फीस जमा करवा दी है। अब इन टैक्सी स्टैंड्स ऑप्रेटरों को फीस त्रैमासिक आधार पर निगम को देनी होगी। 1 अप्रैल 2018 से 31 जून 2018 तक की फीस एक साथ निगम टैक्सी स्टैंड्स ऑप्रेटरों से वसूलेगा।
ई-टैंडरिंग नहीं होनी चाहिए
टैक्सी स्टैंड्स चालक बीते लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं कि ई-टैंडरिंग नहीं होनी चाहिए। बता दें कि निगम द्वारा टैक्सी स्टैंड्स को ई-टैंडरिंग द्वारा दिए जाने का विकल्प रखा है निगम के पार्षदों सदन की बैठक में आवाज उठाते आए हैं कि ई-टैंडरिंग के साथ-साथ दूसरा विकल्प फीस में हाईक भी एक विकल्प होना चाहिए। इस मामले पर अभी फैसला नहीं हो पाया है।
पुराने टैक्सी स्टैंड्स ऑप्रेटरों को शहर भर में स्टैंड्स का निर्माण किया हुआ है। निगम के कहे अनुसार निर्माण करवाया गया था। निगम ने बीते कुछ समय पहले इनके अलॉटमैंट की प्रक्रिया ई-टैंडरिंग के जरिए देने का फैसला लिया था जिसका टैक्सी स्टैंड चालकों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। टैक्सी स्टैंड्स चालकों का कहना है कि वह लंबे समय से यहां बैठे हैं।
इन लोगों ने खुद की जेब से पैसा खर्च किया है। अब अचानक निगम ने उनकी आबंटन की नीति को बदलकर नीलामी के जरिए टैक्सी स्टैंड दिए जाने की नीति बना डाली है जोकि बिल्कुल गलत है। अब सदन की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी।