30 प्रतिशत सीवरेज सैस और पानी के रेट कम करने के लिए निगम लाएगा प्रस्ताव

Edited By AJIT DHANKHAR,Updated: 01 Mar, 2021 11:08 PM

corporation will bring proposal to reduce water rate

-प्रशासन बढ़े रेट कम करने को तैयार नहीं हुआ तो निगम ने लिया फैसला  -निगम का प्रस्ताव पुनर्विचार के लिए प्रशासन ने भेजा वापस

चंडीगढ (राजिंद्र शर्मा): पानी के बढ़े रेट को कम करने के लिए यू.टी. प्रशासन तैयार नहीं हुआ तो नगर नगम ने खुद ही इस संबंध में नया प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है। इसके तहत 30 प्रतिशत सीवरेज सैस व रेट कम करने के लिए हाऊस मीटिंग में प्रस्ताव को रखा जाएगा। निगम ने बढ़े रेट कम करने को लेकर प्रशासन को जो प्रस्ताव भेजा था, यू.टी. प्रशासन ने पुनर्विचार के लिए निगम को वह वापस भेज दिया है।

 

इस संबंध में मेयर रविकांत शर्मा ने बताया कि वह पानी के रेट की स्लैब व सीवरेज सैस भी कम करेंगे। उन्होंने कहा कि जब सीवरेज सैस बढ़ाया गया था तो कुछ स्लैब में वह अधिक बढ़ा दिया गया था, जिसे अब 8 प्रतिशत तक लेकर आएंगे। इससे जो बिल अभी फिलहाल 3200 तक आ रहा है, वह कम होकर 2 हजार तक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 8 या 9 मार्च को हाऊस मीटिंग बुलाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। 

 

50 से 200 प्रतिशत पानी के रेट में बढ़ौतरी कर दी थी
पिछले साल सितम्बर माह में प्रशासन ने कैटेगरी के हिसाब से 50 से 200 प्रतिशत पानी के रेट में बढ़ौतरी कर दी थी। नोटीफिकेशन जारी किया गया था, उसके मुताबिक 0-15 किलो लीटर की स्लैब में पहले जहां 2 रुपए किलो लीटर चार्जिज थे, उसमें 3 रुपए किलो लीटर चार्जिज तय हैं। इसी तरह 16 से 30 किलो लीटर की स्लैब में 4 रुपए किलो लीटर की जगह 6 रुपए किलो लीटर चार्जिज हैं। इसके अलावा 31 से 60 की स्लैब में 6 किलो लीटर की जगह 12 रुपए किलो लीटर चार्जिज लिए जा रहे हैं। नोटीफिकेशन के मुताबिक हर वित्तीय वर्ष के पहले दिन से बेसिक रेट में अपने आप ही 3 प्रतिशत की बढ़ौतरी हो जाएगी और 1 अप्रैल 2021 से इसकी शुरूआत होगी।


बूथों के लिए स्लैब में भी कमी होगी
रेट में वृद्धि के बाद ही निगम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। यही कारण है कि निगम ने रेट कम करने के लिए दोबारा प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर प्रशासन राजी नहीं हुआ। यही कारण है कि पुनर्विचार के लिए इसे निगम को वापस भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि कर्मिशयल में बूथों के लिए स्लैब में भी निगम की तरफ से कुछ कमी की जाएगी, क्योंकि उनके रेट भी अधिक बढ़ा दिए गए थे। 


हर साल 225 करोड़ खर्च, राजस्व सिर्फ 90 करोड़ 
निगम के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग हर साल 1.8 लाख कंज्यूमर्स की सप्लाई को मैंटेन करने पर 225 करोड़ रुपए खर्च करता है, जबकि वाटर चार्जिज से उसे वार्षिक 90 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। खराब वित्तीय हालत से जूझ रहे निगम ने बढ़े हुए रेट से 60 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद जताई थी। 

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