Edited By pooja verma,Updated: 19 May, 2020 11:12 AM
कोरोना पेशैंट्स का इलाज करने वाले डाक्टर्स और नर्सिज के कोविड टैस्ट को लेकर इंडियन कौंसिल ऑफ मैडीकल रिसर्च ( आई.सी.एम.आर. ) ने नई गाइडलाइन जारी की है।
चंडीगढ़ (अर्चना सेठी ): कोरोना पेशैंट्स का इलाज करने वाले डाक्टर्स और नर्सिज के कोविड टैस्ट को लेकर इंडियन कौंसिल ऑफ मैडीकल रिसर्च ( आई.सी.एम.आर. ) ने नई गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना लक्षणों के अभाव में भी हाई रिस्क एरिया के डॉक्टर्स व न्सेज के लक्षणों के अभाव में भी हर 5वें दिन से लेकर 10वें दिन के बीच कोरोना टैस्ट किए जाएं।
सवा महीना पहले आई.सी.एम. आर. ने कोरोना पेशैंट्स का इलाज करने वाले डाक्टर्स व नर्सिज के 5वें और 4वें दिन लक्षण दिखे बगैर भी कोरोना टैस्ट करने
को कहा था। नई गाइडलाइन में अब पेशैंट्स का इलाज करने वाले हैल्थ वर्कर्स के पॉजीटिव के संपर्क में आने के पहले दस दिनों के बीच टैस्ट को जरूरी बताया है। यह भी कहा है कि कंटेनमैंट जोन में स्क्रीनिंग के लिए जाने वाले हैल्थ वर्कर्स के टैस्ट भी इसी तरह से पहले 10 दिनों के बीच में किए जाएं।
सांस की तकलीफ के साथ भर्ती हुए सभी पेशैंट्स का होगा टैस्ट
सांस की तकलीफ के साथ भर्ती किए गए सभी पेशैंट्स के कोरोना टैस्ट करना भी अनिवार्य है। हॉट स्पॉट और कंटेनमैंट जोन के इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस से संबंधित लक्षण वाले पेशैंट्स के कोरोना टैस्ट किए जाएं। ध्यान रहे पिछले दिनों पी.जी.आई. में हुई एक बैठक में डाटर्स ने इन्फ्लुएंजा लाइक इलनैस के बढ़ते पेशैंट्स को लेकर चिंता जताई थी और उनके टैस्टिंग नियमों को लेकर भी विचार किया था।
दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूर जिनमें इन्फ्लुएंजा लाइक इलनैस के लक्षण दिखे, उनके सात दिनों के अंदर टैस्ट किए जाएं। यह भी कहा गया है कि यह सारे टैस्ट आर.टी पी.सी.आर. तकनीक की मदद से ही की जाएं। आई.सी.एम.आर. ने यह भी कहा कि कोरोना काल में किसी भी किस्म की इमरजैंसी सर्जरी ना टाली जाएं। कोविड से बचाव की सारी सावधानियां अपनाते हुए बीमार पेशैंट्स की सर्जरी की जाए।