Edited By Priyanka rana,Updated: 14 Dec, 2018 02:11 PM
मेयर देवेश मोदगिल ने मेयर का पदभार संभालते ही शहरवासियों से वायदा किया था की इस वर्ष की एक मई से शहर को अतिरिक्त पानी मिलने लगेगा लेकिन अब सर्दियां भी शुरू हों चुकी हैं
चंडीगढ़(राय) : मेयर देवेश मोदगिल ने मेयर का पदभार संभालते ही शहरवासियों से वायदा किया था की इस वर्ष की एक मई से शहर को अतिरिक्त पानी मिलने लगेगा लेकिन अब सर्दियां भी शुरू हों चुकी हैं लेकिन मेयर का वायदा पूरा नहीं हुआ। अब मेयर ने एक बार फिर कहा कि इसी माह की 30 तारीख तक शहर को अतिरिक्त पानी मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा की अतिरिक्त पानी आने से शहर में पानी की कमी नहीं रहेगी।
मेयर ने बताया कि शहरवासियों को मिलने वाले 29 एम.जी.डी. पानी के लिए ट्रायल शुरू हो गया। जंडपुर से इसका ट्रायल शुरू होने के बाद धीरे-धीरे इसे नियमित करने की तरफ ध्यान दिया जाएगा। ट्राईसिटी को कजौली वाटर वक्र्स के दो नए फेज से 40 एम.जी.डी. पानी मिलना शुरू हो जाएगा। सबसे बड़ा हिस्सा 29 एम.जी.डी. शहरवासियों को मिलना शुरू हो जाएगा। इन दो नए फेजों से चंडीगढ़ को 29 एम.जी.डी. और पंचकूला को तीन-तीन एम.जी.डी., मोहाली को पांच एम.जी.डी. पानी मिलना शुरू हो जाएगा।
स्मार्ट सिटी के बड़े प्रोजैक्ट 24/7 वाटर सप्लाई की सुविधा भी मिलनी शुरू हो जाएगी। जिसमें हर रोज 24 घंटे पेयजल की सप्लाई आने लगेगी। इसकी शुरूआत सबसे पहले मनीमाजरा से होगी। इस इलाके की पाइप लाइनों का संपूर्ण काम लगभग पूरा कर लिया गया है। विषेशज्ञों की माने तो 24/7 की परियोजना से पानी की बचत भी होगी। नगर निगम ने लगभग अपना काम पूरा कर लिया है। पंजाब के स्तर पर होने वाले काम की गति अब कुछ ठीक हो रही है। उसकी सुुस्त गती के चलते इस परियोजना के पूरी होने में कुछ विलंब हुआ है।
दर्जनों नलकूप खराब पड़े :
निगम के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस समय शहर में पानी उपलब्धता लगभग 87 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एम.जी.डी.) है। हालांकि गर्मी में शहर की मांग 110 एम.जी.डी. तक पहुंच जाती है और गर्मियों में पानी की कमी से दक्षिणी क्षेत्रों में सी.एच.बी. फ्लैट्स और सोसाइटी के मरला घरों, ऊपरी मंजिलों पर कम पानी का दबाव होता है। दिनों निगम के दर्जनों नलकूप भी खराब पड़े हैं। जो नए लगाए जाने थे वित्तीय संकट के चलते उनका काम भी अधर में लटक गया है। इतना ही नहीं पंचकूला व चंडीमंदिर को भी निगम को 9 एम.जी.डी. पानी देना पड़ा रहा है।