Edited By pooja verma,Updated: 29 May, 2020 03:54 PM
कोरोना वायरस की वजह से 2 महीने से अधिक समय से परेशानियां झेल रहे शहर के लोगों को प्रशासन ने राहत देने का फैसला लिया है।
चंडीगढ़ (विजय गौड़) : कोरोना वायरस की वजह से 2 महीने से अधिक समय से परेशानियां झेल रहे शहर के लोगों को प्रशासन ने राहत देने का फैसला लिया है। ये राहत उन मकान मालिकों के लिए है जिन्होंने अभी तक अपने घरों में सोलर प्लांट नहीं लगाया है।इसके लिए यू.टी. प्रशासन के आदेशानुसार 500 गज से अधिक एरिया बाले प्राइवेट घरों को इस साल 3 मार्च तक की मोहलत दी गई थी, लेकिन 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और फिर उसके बाद पूरे देश में लगे लॉकडाऊन की वजह से काफी संख्या में मकान मालिक सोलर रूफटॉप प्लांट के लिए अप्लाई भी नहीं कर पाए।
अब प्रशासन ने ऐसे घरों में सोलर प्लांट लगाने की अंतिम तारीख को साल बढ़ाकर अगले साल 31 मार्च तक कर दिया है। चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी एंड साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (क्रैस्ट) की ओर से जल्द ही इस बारे में पब्लिक नोटिस जारी किया जाएगा।
दरअसल लॉकडाऊन की वजह से शहर के लोगों में यह असमंजस की स्थिति बनी हुई थी कि सोलर प्लांट न लगने से कहीं प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई न शुरू कर दी जाए क्रैस्ट के पास रोजाना इस बारे में जानकारी मांगी जा रही थी। कुछ दिन पहले यह मामला प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिंग में उठा, जिसके बाद फैसला लिया गया कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक के लिए लोगों को मोहलत दे दी जाए।
कंपनी के कर्मचारियों को बुलाने से कतरा रहे लोग
प्रशासन ने यह फैसला इसलिए भी लिया है योंकि कोविड-19 के संक्रमण की दहशत की वजह से अब लोग अपने घरों में सोलर प्लांट लगाने वाली कंपनियों के कर्मचारियों को बुलाने से भी कतरा रहे हैं। अधिकारियों का भी मानना है कि इस समय लोगों पर किसी भी प्रकार का दबाव बनाना उचित नहीं होगा।
स्कूलों की खाली छतों की मांगी डिटेल
क्रैस्ट ने घरों को तो राहत दे दी, लेकिन मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (एम.एन.आर.ई.) की ओर से 2022 तक 69 मैगावाट सोलर एनर्जी जैनरेट करने के टारगेट को पूरा करने के लिए अब सभी सरकारी स्कूलों की डिटेल मांगी गई है। इस बारे में चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग से पूछा गया है कि कितने स्कूलों में सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग ने भी अपने सभी स्कूलों से इसकी जानकारी मांगी है।