बुड़ैल जेल में कैदी की संदिग्ध मौत का मामला : एस.एस.पी., जेल सुपरिंटैंडैंट और डी.सी. को निजी रूप से पेश होने के आदेश

Edited By ,Updated: 26 Mar, 2017 12:16 PM

death case of prisoner in burail jail

बुड़ैल जेल में एक कैदी की कथित रूप से हुई अप्राकृतिक मौत के मामले में ‘इन्क्वैस्ट रिपोर्ट’ हाईकोर्ट आदेशों के बावजूद लंबे समय से पेश न कर पाना पुलिस-प्रशासन के लिए मुश्किल भरा साबित हुआ है।

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : बुड़ैल जेल में एक कैदी की कथित रूप से हुई अप्राकृतिक मौत के मामले में ‘इन्क्वैस्ट रिपोर्ट’ हाईकोर्ट आदेशों के बावजूद लंबे समय से पेश न कर पाना पुलिस-प्रशासन के लिए मुश्किल भरा साबित हुआ है। मामले में सख्ती दिखाते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एस.एस.पी. समेत बुड़ैल जेल सुपरिंटैंडैंट और डी.सी. को हाईकोर्ट में निजी रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं। इन्हें पेश होकर केस में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है।  

 

हाईकोर्ट ने कहा है कि कैदी की मौत अप्राकृतिक लगती है। इन तीनों अफसरों को निजी रुप से कोर्ट में पेश हो स्थिति स्पष्ट करनी होगी। जेल प्रशासन द्वारा बनती कार्रवाई न करने के चलते मामला इतना आगे तक  पहुंच गया। दरअसल हाईकोर्ट में अजय उर्फ भीम नामक एक कैदी की सजा पर रोक की मांग को लेकर एक याचिका लंबित थी। 

 

इसी दौरान पिछले वर्ष 3 जून को सरकारी वकील तथा भीम के वकील ने बैंच को बताया कि जेल में उसकी मौत हो चुकी है। इसे लेकर सैक्टर 34 के तत्कालीन एस.एच.ओ. बलजीत सिंह से अजय की मौत संबंधी रिपोर्ट व दस्तावेज मंगवाए गए थे। संबंधित रिकार्ड पेश न किए जाने को लेकर एस.एच.ओ. के वारंट जारी करते हुए उसकी सैलरी तक अटैच करने के आदेश दिए गए। 

 

हालांकि इंस्पैक्टर बलजीत द्वारा हाईकोर्ट में माफी मांगने पर वह आदेश वापिस ले लिए गए थे। वहीं, केस की कई सुनवाइयों के बावजूद प्रशासन संबंधित रिपोर्ट पेश नहीं कर पाया और समय मांगता रहा, जिसके चलते हाईकोर्ट ने यह सख्ती दिखाई है। 

 

यूं चली कार्रवाई :
3 जून : पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि अजय की मौत हो चुकी है। हाईकोर्ट ने इंस्पैक्टर बलजीत से इस संबंध में रिकार्ड तलब किया।

3 अगस्त : बुड़ैज जेल प्रशासन समेत सैक्टर-34 पुलिस को इस संबंध में दस्तावेज पेश करने के आदेश हाईकोर्ट ने जारी किए। 

30 सितम्बर : केस की सुनवाई के दौरान मामले में पुलिस ने संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए समय मांगा।

7 अक्तूबर : हाईकोर्ट ने मामले में अजय की मौत को लेकर ‘इन्क्वैस्ट रिपोर्ट’ पेश करने के आदेश जारी किए। 

14 दिसम्बर : पुलिस ने मामले में 7 अक्तूबर के आदेशों की पालना के लिए समय की मांग की। 

21 दिसम्बर : फिर से समय मांगने पर हाईकोर्ट ने सख्ती से कहा-तीसरी बार समय मांग रहे हो। इंस्पैक्टर बलजीत की सैलरी अटैच करते हुए रिकार्ड समेत समन किया।

23 दिसम्बर : इंस्पैक्टर बलजीत ने पेश होकर माफी मांगी, कुछ दस्तावेज पेश किए। इन्क्वैस्ट रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी। कोर्ट ने फिर समय दिया।

10 जनवरी : बलजीत के माफी मांगने पर उसकी सैलरी अटैच के आदेश वापिस लिए गए, वहीं उसके खिलाफ निकाले वारंट भी वापिस लिए। प्रशासन ने रिकार्ड पेश किया मगर निर्णायक इन्क्वैस्ट रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी। इंस्पैक्टर बलजीत को मामले में सहायता करने को कहा गया। 

22 मार्च : मामले में अहम सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एस.एस.पी., जेल सुपरिंटैंडैंट और डी.सी. को निजी रूप से पेश होने के आदेश देते हुए स्थिति स्पष्ट करने को कहा। 

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