गौशाला में 278 पशुओं की मौत की फाइल दबाकर बैठे अफसर

Edited By Priyanka rana,Updated: 13 Jan, 2020 12:58 PM

death of 278 animals

इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित गौशाला में 278 पशुओं की मौत को 8 माह से भी ऊपर का समय बीत चुका है।

मोहाली(विनोद) : इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित गौशाला में 278 पशुओं की मौत को 8 माह से भी ऊपर का समय बीत चुका है। लेकिन अभी तक नगर निगम ने इसका खुलासा नहीं किया है। जबकि पंजाब के सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह खुद इस मामले को गंभीर बताते हुए नगर निगम कमिश्नर को जल्द जांच पूरी करने के लिए कह चुके हैं। 

लेकिन उसके बाद भी अफसरों ने इसका खुलासा करने में देरी से लगता है कि कहीं इस मामले में लिप्त लोगों को बचाने की कोशिशें तो नहीं की जा रही।
वहीं, डिप्टी मेयर मंजीत सेठी मोहाली गौशाला की देखरेख कर रही गौरी शंकर सेवा दल संस्था पर भी संगीन आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक इस गौशाला में कुल 581 पशुओं की मौत हो चुकी है। 

जानकारी अनुसार मोहाली गौशाला में पशुओं की मौत मामले ने काफी तूल पकड़ा था, जिसके बाद  पजांब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू भी गौशाला पहुंचे थे। जिसके बाद इस मामले की जांच का जिम्मा नगर निगम की ज्वाइंट कमिश्नर को सौंपा था और उनकी अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कमेटी ने जांच की जिसके बाद रिपोर्ट ज्वाइंट कमिश्नर को सबमिट करवा दी।

उस रिपोर्ट में गौशाला पशुओं के मरने की पुष्टि की गई थी। कमेटी की रिपोर्ट को ज्वांइट कमिश्नर ने स्थानीय निकाय विभाग के प्रिंसीपल सैक्रेटरी को भेजा है। रिपोर्ट सबमिट करने के साथ कहा था कि इस मामले की जांच विजिलैंस से करवाई जाए ताकि हकीकत का पता चल सके। लेकिन उसके बाद भी इसकी जांच विजिलैंस के पास नहीं भेजी गई बल्कि निकाय विभाग ने जबाव दिया कि मामला गंभीर है और इसकी जांच नगर निगम कमिश्नर खुद करें, जिसकी रिपोर्ट बनाकर जल्द निकाय विभाग को भेजी जाए। 

निकाय विभाग ने फिर जांच करने के आदेश के बाद नगर निगम के पूर्व कमिश्नर डाक्टर भूपिदंरपाल सिंह ने चार सदस्यीय कमेटी बनाई। जिसमें पशु पालन विभाग, सैक्रेटरी, डाक्टर व ज्वाइंट कमिश्नर शामिल थे। जिन्होंने मामले की जांच की और रिपोर्ट निगम कमिश्नर को सौंप दी है।

ज्वांइट कमिशनर ने भेजी रिपोर्ट में गौशाला में पिछले कुछ समय में हुई पशुओं की मौत के कारण पशु पालन विभाग के माहिरों की ओर से सही बताया है। गौशाला की देखरेख कर रही संस्था गौरी शंकर सेवादल की ओर से किए गए इकरारकामे की शर्तों के अनुसार रिकार्ड मैंनटेन न करना और नगर निगम को पशुओं की हो रही मौतों संबधी समय पर सूचित न करना गंभीर मसला बताया। 

इस संस्था ने आजतक कोई भी रिकार्ड जमा नहीं करवाया, गौशाला में आने-जाने वाले पशुओं संबंधी भी कोई रिकार्ड नहीं तैयार किया गया। गौशाला में बीमार और दुर्घटना ग्रस्त पशुओं को अलग से गौशाला में रखा जाना था, जबकि ऐसा नहीं किया गया। यदि समय पर इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों के ध्यान में लाई जाती तो इतने पशुओं की जान बचाई जा सकती थी। गौशाला का काम देख रहे चीफ सैनेटरी इंस्पैक्टर, सैनेटरी इंस्पैक्टर और सैनेटरी सुपरवाइजर ने काम के प्रति भी ढिलाई बरतने पर उन्हे भी हिदायतें जारी कर दी हैं। 

आखिर किसे बचाने की हो रही कोशिश?
हैरानी की बात है कि पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री/ मोहाली के एम.एल.ए. बलबीर सिंह सिद्धू भी मोहाली में ही रहते हैं। इनके अलावा नगर कमिश्नर व डिप्टी कमिश्नर का आफिस भी मोहाली में ही है। 

यहीं नहीं पंजाब गो-सेवा कमिशन के चेयरमैन सचिन शर्मा का आफिस भी मोहाली में ही है। उसके बाद भी इस मामले में कोई कारवाई नहीं हो रही है। कहीं इसके पीछे किसी अफसर या फिर कर्मचारी को बचाने की कोशिश तो नहीं की जा रही है। जबकि इन मामलों में जांच भी पूरी हो चुकी है। 

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