गांव किशनगढ़ में नया सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट बनाने का फैसला

Edited By bhavita joshi,Updated: 03 Feb, 2019 09:45 AM

decision to make new sewerage treatment plant in village kishangarh

नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) के सुखना में आसपास के क्षेत्रों के पड़ रहे सीवर के पानी को रोकने के निर्देशों के चलते चंडीगढ़ प्रशासन ने गांव किशनगढ़ में नया सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट (एस.टी.पी.) बनाने का निर्णय लिया है।

चंडीगढ़ (राय): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) के सुखना में आसपास के क्षेत्रों के पड़ रहे सीवर के पानी को रोकने के निर्देशों के चलते चंडीगढ़ प्रशासन ने गांव किशनगढ़ में नया सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट (एस.टी.पी.) बनाने का निर्णय लिया है। इसके निर्माण से सुखना कैचमैंट क्षेत्र में प्रवेश करने वाले कांसल और नयागांव के सीवरेज के पानी को रोका जाएगा। यह एस.टी.पी. न केवल सुखना वन क्षेत्र में जाने वाले सीवरेज के पानी की समस्या को हल करेगा, बल्कि यहां से ट्रीट होने वाला पानी भी पूरे साल  सुखना झील को भरा रखेगा। 

प्रशासन के एक उच्च अधिकारी का कहना था कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे सुख बचाओ मामले में भी प्रशासन ने इस एस.टी.पी. के निर्माण का प्रस्ताव भेजा है। एस.टी.पी. का निर्माण यू.टी. के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत किया जाएगा। ज्ञात रहे कि इस परियोजना के तहत शहर में पहले से बने एस.टी.पी. प्लांटों का अपग्रेडेशन भी किया जा रहा है। 

2 एम.एल.डी. होगी क्षमता 
बताया जाता है कि नया एस.टी.पी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) के नवीनतम मानदंडों के अनुरूप होगा और इसकी क्षमता 2 एम.एल.डी. होगी। किशनगढ़ में एस.टी.पी. से निकलने वाले अपशिष्ट का उपयोग सुखना झील में सूखे मौसम के दौरान भरने के लिए किया जाएगा और नवीनतम मेम्ब्रेन बायोरिएक्टर (एम.बी.आर.) तकनीक का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले ट्रीटिड पानी का प्रयोग सुखना झील में किया जाएगा।  

दो साल के भीतर काम पूरा हो जाएगा 
वर्ष 2009 के बाद से सुखना झील का प्रबंधन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के नियंत्रण में है, जो समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करता है। ज्ञात रहे कि पिछले दिनों हाईकोर्ट के निर्देशों पर ही प्रशासन ने सात ट्यूबवैल से सुखना झील में पानी छोड़ा था। प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही शहर में 808 करोड़ रुपए की लागत से शहर में पांच और सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट बनाने काल ऐलान किया था। हाल ही में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) पैनल ने चंडीगढ़ प्रशासन को 2021 तक सभी सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट (एस.टी.पी.) को अपग्रेड करने का निर्देश दिया था। प्रशासन का कहना है कि अगले दो साल के भीतर यह काम पूरा हो जाएगा। गत वर्ष अगस्त में घग्गर नदी में प्रदूषण के बारे में रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के मुख्य सचिवों को एक विशेष कार्य बल (एस.टी.एफ.) गठित करने का निर्देश दिया था।

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