डिफाल्टर कंपनियों से 20 नवम्बर के बाद शुरू होगी रिकवरी

Edited By Priyanka rana,Updated: 17 Nov, 2018 08:40 AM

defaulter companies

प्रशासन को करोड़ों रुपए राजस्व का नुक्सान पहुंचाने वाली कंपनियों पर एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमैंट ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

चंडीगढ़(साजन) : प्रशासन को करोड़ों रुपए राजस्व का नुक्सान पहुंचाने वाली कंपनियों पर एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमैंट ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। फेक केसों वाली 280 डिफाल्टर कंपनियों पर पैनल्टी लगाने व इनसे इसकी वसूली करने को लेकर वीरवार को एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग की मीटिंग हुई। इसमें कंपनियों से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। 

जानकारी के अनुसार 2011 के जिन केसों की फिलहाल असेसमैंट की जा रही है, उसे निपटाने की अंतिम तारीख 20 नवंबर 2011 है। इस तारीख तक हर हाल में केस निपटाए जाने हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जिन कंपनियों ने नोटिस भेजे जाने के बावजूद भी अब तक अपना पक्ष नहीं रखा है उनके खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की तैयारी है। प्रशासन सैंकड़ों कंपनियों से रिकवरी की तैयारी में है। इन कंपनियों पर मोटी पैनल्टी लगाने की भी तैयारी है। 

शहर के 11 से 12 प्रतिशत व्यापारी व उद्योगपति डिफाल्टर :
एक्साइज टैक्सेशन विभाग ने व्यापारी व इंडस्ट्रीयलिस्ट्स (ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड) के साथ वीरवार को बैठक की। इसमें 2011 के वैट के मसले पर पूरी बातचीत हुई। व्यापारियों व उद्योगपतियों को दो टूक कह दिया गया है कि जल्द अपनी असेसमैंट करा लें ताकि विभाग की ओर से एक्स पार्टी न हो। 3 बी कांप्लायेंस रेटिंग पर भी बातचीत हुई। 

एक्साइज टैक्सेशन के असिस्टैंट कमिश्नर आर.के. चौधरी ने बताया कि उनकी सूची में 11 से 12 प्रतिशत व्यापारी व इंडस्ट्रियलिस्ट फिलहाल डिफाल्टर हैं लेकिन बावजूद इसके कांप्लायेंस की बात करें तो चंडीगढ़ का देश में दूसरा स्थान है जो हमारे लिए गर्व की बात है। व्यापारियों व उद्योगपतियों को कहा गया कि जी.एस.टी. को लेकर अगर उन्हें समस्याएं आ रही हैं तो वह इस बाबत सूचित करें ताकि वह इस मसले को जी.एस.टी. कौंसिल की मीटिंग में रख सकें। मीटिंग में रैवेन्यू को लेकर भी बातचीत हुई। 

क्या था मामला :
बीते एक दशक से एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमैंट में कर्मचारियों और निजी कंपनियों की मिलीभगत से टैक्स चोरी का खेल चल रहा था। पूरा मामला एडवाइजर के संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए। तत्काल मामले को यूटी विजीलैंस को दे दिया गया। डिपार्टमैंट द्वारा लगातार कंपनियों के प्रपत्रों को खंगाला जा रहा है। 

बताया यह जा रहा है कि विभाग जल्द ही कई कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई कर सकता है। अब पूरे मामले की जांच क्राइम बांच कर रही है। मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। सूत्रों की मानें तो एक्साइज के डिपार्टमैंट के 8 अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। इसमें चार डाटा एंट्री ऑपरेटर और चार ईटीओ शामिल हैं। 
 

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