वारंटी के बावजूद कार के डिफैक्टिव पार्ट्स नहीं किए चेंज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Apr, 2019 10:09 AM

defective parts

एक्सटैंडेट वारंटी के बावजूद कंपनी ने कार के पार्ट्स चेंज नहीं किए। जब कार की कंडीशन ज्यादा खराब हो गई, तब भी कंपनी ने पैसे लेकर ही सिर्फ दो पार्ट्स बदले।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : एक्सटैंडेट वारंटी के बावजूद कंपनी ने कार के पार्ट्स चेंज नहीं किए। जब कार की कंडीशन ज्यादा खराब हो गई, तब भी कंपनी ने पैसे लेकर ही सिर्फ दो पार्ट्स बदले। इसके चलते उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है। 

फोरम ने निर्देश दिए हैं कि कंपनी शिकायतकत्र्ता को कार के डिफैक्टिव पार्ट्स चेंज करने के लिए चार्ज की गई 5689 रुपए की राशि रिफंड करें। एक्सटैंडेड वारंटी की टर्म एंड कंडीशन्स के तहत कार की रिपेयर भी की जाए। कंपनी को 3500 रुपए मुकद्दमा खर्च भी देने के निर्देश दिए हैं। 

सभी पार्ट्स को बदलने की जरूरत थी :
कार का स्टीयरिंग रैक, शॉकर, माउंट  (बोथ), आर्म्स एंड व्हील्स सिलंडर डैमेज हो गए थे। इन सभी पार्ट्स को बदलने की जरूरत थी, जिसके लिए उन्हें 30 हजार रुपए पे करने के लिए बोला गया। उन्होंने ए राशि ए कहते हुए भरने से मना कर दिया कि कार अभी भी वारंटी पीरियड के अंडर है। 

लेकिन कंपनी ने इसे मानने से ये कहते हुए इंकार कर दिया कि शिकायतकर्ता ने एक सर्विस कार की समय पर नहीं करवाई है। उसी दिन उन्होंने कार की सॢवस करवाई और इसके लिए कंपनी ने उनसे 4910 रुपए चार्ज किए। इसके बाद भी कई बार उन्होंने कंपनी से कार की रिपेयर के साथ ही डिफैक्टिव पार्ट्स  बदलने की अपील की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

दो पार्ट्स चेंज करवाए :
16 नवम्बर 2018 को कार कंडीशन्स बहुत ही अधिक खराब हो गई, जिसके बाद उन्होंने कंपनी को 5689 रुपए पे करके दो पार्ट्स चेंज करवा लिए। कंपनी ने उससे साफ कहा कि अगर वह कार का कोई और पार्ट्स भी बदलवाना चाहता है तो उन्हें सर्विस चार्जेस के साथ ही इसके लिए पे करना होगा। इसके बाद उन्होंने फोरम में शिकायत दी। कंपनी ने पक्ष नहीं रखा, जिसके चलते उसे 28 जनवरी 2019 को एक्सपार्टी (एकतरफा) करार दिया गया। 

डीजल कार खरीदी थी :
पंचकूला निवासी वरिंद्र कुमार ने फोरम में अम्बाला ऑटोमोबाइल इंडिया लिमिटेड, इंडस्ट्रीयल फेज-1 चंडीगढ़ के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने शिकायत में बताया कि उसने वर्ष 2015 में उक्त कंपनी से एक डीजल कार खरीदी थी। कंपनी ने सभी पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग वारंटी दी थी। 

उन्होंने 3425 रुपए अतिरिक्त अदा करके एक्सटैंडेड मैन्युफैक्चरिंग वारंटी भी ले ली। ये वारंटी 19 फरवरी 2019 और 125000 किलोमीटर तक वेलिड थी। सितम्बर 2018 में कार में कोई खराबी आनी शुरू हो गई, जिसके बाद वह कार को चैकिंग के लिए कंपनी की वर्कशॉप में 

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