Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 20 Jun, 2022 08:12 PM
बाल कल्याण परिषद में कर्मचारियों के उत्पीडऩ के खिलाफ सोमवार को कर्मियों ने सैक्टर-16 डी चंडीगढ़ स्थित कार्यालय पर सांकेतिक धरना दिया और प्रदर्शन किया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सतीश सेठी व पंचकूला जिला सचिव विजय पाल, सरदार मंजीत सिंह,सोनू...
चंडीगढ़,(पांडेय): बाल कल्याण परिषद में कर्मचारियों के उत्पीडऩ के खिलाफ सोमवार को कर्मियों ने सैक्टर-16 डी चंडीगढ़ स्थित कार्यालय पर सांकेतिक धरना दिया और प्रदर्शन किया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सतीश सेठी व पंचकूला जिला सचिव विजय पाल, सरदार मंजीत सिंह,सोनू व नितिन के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने धरना स्थल पर पहुंच कर धरने एवं प्रदर्शन का समर्थन किया। उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बजाय मामला उजागर करने वाले कर्मचारियों का दमन एवं उत्पीडऩ करने और परिषद की मानद जनरल सैक्रेटरी के आंदोलन में भाग लेने वाले कर्मचारियो के खिलाफ कार्रवाई करने के तुगलकी फरमानों का कड़ा विरोध किया।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान सुभाष लाम्बा ने बताया कि बाल कल्याण परिषद कर्मचारी यूनियन ने सैक्टर-16 डी स्थित परिषद कार्यालय पर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ व अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक धरना दिया। इसकी अध्यक्षता राज्य प्रधान सुखविंदर सिंह की। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दवाब में परिषद की मानद जनरल सैक्रेटरी रंजीता मेहता ने यूनियन प्रतिनिधिमंडल से बात की ओर दस दिन में मामला का अध्धयन कर आवश्यक कार्रवाई करके यूनियन के साथ दोबारा बैठक करने का विश्वास दिलवाया। लाम्बा व सेठी ने बताया कि मानद जनरल सैक्रेटरी द्वारा कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन में भाग लेने पर रोक लगाने के आदेश जारी करना कर्मचारियों के सवैधानिक व लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है।
सकसं नेताओं ने बताया कि परिषद के कर्मचारियों की यूनियन ने 23 जून 2021 को महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री कमलेश ढांडा को परिषद के भृष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिकायत भेजी थी। परंतु एक साल में कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार व उसके मंत्री चुप्पी साधे बैठे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिषद महासचिव सचिव रंजीता ने कहा कि उन द्वारा 13 मई 2022 को कार्यभार संभाला है इसलिए पहले वह मामले का अध्ययन करेंगी। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यदि दस दिन में न्याय नहीं मिला तो परिषद के कर्मचारी एसकेएस के सहयोग से आंदोलन को तेज के लिए मजबूर होंगे।