पॉल्यूशन लैवल कंट्रोल नहीं किया, जे.पी. एसोसिएट पर लगाया 1.46 करोड़ जुर्माना

Edited By pooja verma,Updated: 03 Sep, 2019 11:41 AM

did not control pollution level jp 1 46 crore fine imposed on associate

डड्डूमाजरा में वेस्ट प्लांट रन कर रहे जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड पर चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने 1 करोड़ 46 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया है .

चंडीगढ़ (साजन) : डड्डूमाजरा में वेस्ट प्लांट रन कर रहे जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड पर चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने 1 करोड़ 46 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया है कंपनी पर इतना बड़ा जुर्माना तय मापदंडों के अनुसार काम न करने और एरिया में शहर के गिराए जा रहे वेस्ट से पैदा हो रहे प्रदूषण पर लगाम न लगा पाने के लिए लगाया गया है। कंपनी को हिदायत दी गई है कि अगर उसने तय मापदंडों के अनुरूप प्रदूषण पर लगाम नहीं लगाई तो प्रतिदिन के हिसाब से मोटा जुर्माना लगता रहेगा। 

 

कंपनी पर प्रति दिन 75 हजार रुपए के हिसाब से 20 फरवरी से 2 सितम्बर तक पैनल्टी लगाई गई है।एन.जी.टी. ने सुरक्षा समिति एवं अन्य के मामले में 19 फरवरी को आदेश पास किया था जिसके आर्डरों का हवाला देते हुए यह पैनल्टी लगाई गई है। 


 

कंप्रीहैंसिव पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस सिस्टम लगाने को कहा था
जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को ड्डडूमाजरा में वेस्ट प्लांट पर शहर भर का जमा कूड़े के निस्तारण का काम सौंपा गया था। इस कूड़े से कंपनी को 30 नवंबर 2019 तक प्रतिदिन 175 मीट्रिक टन प्रतिदिन के हिसाब से रेफ्यूस्ड फ्यूल डिजोल्व करने एवं 50 मीट्रिक टन प्रतिदिन के हिसाब से खाद तैयार करने का काम सौंपा गया था। 

 

समझौते की कंडीशन के अनुसार कंपनी को वेस्ट प्लांट के पास कंप्रीहैंसिव पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस सिस्टम लगाने को कहा था, ताकि इलाके में प्रदूषण पूरी तरह से कंट्रोल में रहे और यहां रह रहे लोगों को किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े। 

 

जब भी प्लांट में गए तो डॉयोक्सीन का स्तर ज्यादा मिला
चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने वेस्ट प्लांट की जब-जब भी जाकर मॉनीटरिंग की तो यह सामने आया कि वहां डॉयोक्सीन (प्रदूषण फैलाने वाले तत्व) का स्तर बहुत ही ज्यादा है, जिससे लोगों को बीमारियां लग सकती हैं। 

 

हाल ही में जब अंतिम बार भी कमेटी व बोर्ड के अधिकारियों ने वेस्ट प्लांट के पास जाकर चैकिंग की तो पाया कि डॉयोक्सीन का स्तर जिसमें सल्फर डायोक्साइड, नाइट्रोजन डायोक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड एचसीएल, हायड्रो फ्लोरोकार्बंस, टीओसी इत्यादि का स्तर बहुत ही ज्यादा है। 

 

यह चैकिंग 8 अगस्त 2016 को की गई थी, जिसमें सामने आया था कि डायोक्सीन की मात्रा 2.17 एनजी टीईक्यू/एनएम क्यूब तक पहुंच गई। तय मापदंडों के अनुसार यह 0.1 एनजीटीईक्यू/एनएम क्यूब तक होनी चाहिए थी।

 

कमेटी और बोर्ड के आदेशों की परवाह नहीं की
कंपनी को हिदायत दी गई थी कि वह डॉयोक्सीन के स्तर को एयर पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस लगाकर घटाए, लेकिन कंपनी ने कमेटी और बोर्ड के आदेशों पर कई लैटर जारी करने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया और सितम्बर 2019 तक प्रदूषण का स्तर घटाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए जिसके चलते यह मान लिया गया कि डॉयोक्सीन (प्रदूषित तत्त्वों)का स्तर उसी लैवल पर बना हुआ है लिहाजा कंपनी पर मोटी पैनल्टी लगाने का निर्णय लिया गया। 

 

एन.जी.टी. की ओर से इस मामले में कमेटी बनाई गई थी, उसकी चैकिंग के दौरान भी यहां प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा पाया गया, जिसके बाद कंपनी पर पैनल्टी लगाने को ठोस आधार मिला। 

 

कंपनी को इस संदर्भ में कई नोटिस व मौके दिए गए कि वह अपनी कार्यप्रणाली में सुधार कर ले और प्रदूषण की मात्रा पर अंकुश लगाए, लेकिन बावजूद इसके कंपनी की ओर से कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए। कंपनी पर कुल 1 करोड़ 46 लाख 25 हजार रुपए की पैनल्टी लगाई गई है। 

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