पॉलीटिकल प्रैशर आया तो जिन्होंने दुत्कारा था, उन्होंने ही किया पोस्टमार्टम

Edited By pooja verma,Updated: 22 Oct, 2019 11:22 AM

did the post mortem after political pressure

सैक्टर-16 के मल्टी स्पैशियलिटी अस्पताल में मृत पैदा हुए नवजात का सोमवार को राजनीतिक दखल के बाद उसी मैडीकल कालेज व अस्पताल में ऑटोप्सी (पोस्टमॉर्टम) हो गया, जहां शनिवार को डाक्टरों व अस्पताल प्रशासन ने नवजात के परिजनों को दुत्कारते हुए पोस्टमॉर्टम...

चंडीगढ़ (ब्यूरो): सैक्टर-16 के मल्टी स्पैशियलिटी अस्पताल में मृत पैदा हुए नवजात का सोमवार को राजनीतिक दखल के बाद उसी मैडीकल कालेज व अस्पताल में ऑटोप्सी (पोस्टमॉर्टम) हो गया, जहां शनिवार को डाक्टरों व अस्पताल प्रशासन ने नवजात के परिजनों को दुत्कारते हुए पोस्टमॉर्टम करने से इन्कार कर दिया था। पोस्टमॉर्टम के बाद नवजात का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

 

वहीं, चार दिन की जद्दोजहद के बाद हुए पोस्टमॉर्टम के बाद बच्चे की पिता मुकेश ने कहा कि जिसने जैसा भी बर्ताव किया, भगवान सबका भला करे। घटना के बाद उन्हें इतना तो पता चल गया कि गरीब की कोई नहीं सुनता। पंजाब केसरी के रविवार के संस्करण में खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस और प्रशासन में हलचल हुई, जिसके बाद पॉलीटिकल प्रैशर पड़ा और शिशु का पोस्टमॉर्टम संभव हुआ।

 

संजय टंडन ने लिया संज्ञान, कहा-उच्च स्तर पर उठाएंगे मामला 
मुकेश के जानकार और परिजनों ने रविवार की रात चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन से मुलाकात कर उन्हें सारे घटनाक्रम से अवगत करवाया, जिन्होंने सोमवार सुबह स्वास्थ्य निदेशक डा. जी दीवान से बात की और शिशु का पोस्टमॉर्टम करवाने को कहा जिसके बाद सैक्टर-16 अस्पताल ने जी.एम.सी.एच. 32 में संपर्क कर शिशु की  ऑटोप्सी (पोस्टमॉर्टम) करने को कहा और शाम चार बजे डाक्टरों के बोर्ड की देख-रेख में पोस्टमॉर्टम हुआ। 

 

जिसके बाद शाम को ही शिशु का संस्कार कर दिया गया। संजय टंडन ने सारे घटनाक्रम की निंदा करते हुए कहा कि जो कार्रवाई उनके हस्तक्षेप के बाद हुई, वह पहले ही हो जानी चाहिए थी। कार्रवाई में हुई देरी हमारे सिस्टम पर सवाल खड़े करती है, जिसकी वह उच्च स्तर तक उठाएंगे ताकि भविष्य में किसी को मुकेश की तरह तकलीफ न उठानी पड़े।

 

कार्रवाई करने की बजाय पुलिस ने परिजनों को डराया था
शुक्रवार की रात मृत पैदा हुए शिशु की मौत की वजह जानने के लिए उसके पिता मुकेश व मौसी काजल चाहते थे कि मृतक शिशु की ऑटोप्सी हो जाए ताकि वह जान सके कि मौत का कारण क्या था ताकि भविष्य में वह सचेत हो सके 7 उन्होंने अस्पताल के डाक्टरों से अपील की तो उन्होंने यह कह कर ऑटोप्सी करने से इन्कार कर दिया था कि यह पैथोलॉजी रिसर्च का विषय है इसलिए मैडीकल कालेज सैक्टर-32 में संपर्क करो।  सैक्टर-32 के मैडीकल कालेज से उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया कि यह उनके कार्य क्षेत्र में नहीं आता क्योंकि उनके अस्पताल में शिशु की मौत नहीं हुई। 
   

उन्हें पी.जी.आई. भेज दिया गया लेकिन वहां भी किसी ने सही राह नहीं दिखाई। सैक्टर-16 के डाक्टरों ने मुकेश को पुलिस को संपर्क कर एम.एल.सी. कटवाने को कहा था। सैक्टर-17 पुलिस स्टेशन और नयागांव पुलिस स्टेशन के अधिकारी भी कार्यक्षेत्र का रोना रोते रहे। नयागांव पुलिस ने एम.एल.सी. काट कर कार्रवाई करने की बजाए मुकेश पर ही दबाव बना दिया कि एम.एल.सी. दर्ज होने पर वह मुश्किल में पड़ जाएंगे और शव खरड़ ले जाना पड़ेगा। वहीं पोस्टमॉर्टम होगा। मुकेश व परिजनों ने यहां तक लिख कर दे दिया कि उन्होंने पोस्टमॉर्टम  या कोई और रिसर्च टैस्ट नहीं करवाना है। न उन्हें किसी से शिकायत है इसलिए उन्हें बिना पोस्टमॉर्टम ही नवजात का शव दे दिया जाए।'

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!