Edited By bhavita joshi,Updated: 25 Dec, 2018 09:50 AM
मुल्लांपुर-गरीबदास क्षेत्र में दुकानदारों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की रेड से बचाने के लिए रिश्वत के नाम पर पैसे इकट्ठे करने वाले व्यक्ति जसप्रीत सिंह की विजीलैंस द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद कुछ अहम खुलासे हुए हैं।
मोहाली(कुलदीप): मुल्लांपुर-गरीबदास क्षेत्र में दुकानदारों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की रेड से बचाने के लिए रिश्वत के नाम पर पैसे इकट्ठे करने वाले व्यक्ति जसप्रीत सिंह की विजीलैंस द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद कुछ अहम खुलासे हुए हैं। विजीलैंस से मिली जानकारी मुताबिक आरोपी से पूछताछ के बाद पता चला है कि सैक्टर-34 चंडीगढ़ स्थित डायरैक्टर हैल्थ विभाग के आफिस में एक क्लर्क मनिन्द्र सिंह सिद्धू के साथ उसकी मिलीभगत थी।
दोनों मिलकर मोहाली तथा आस पास के क्षेत्रों में घूम कर दुकानदारों को डरा धमकाकर पैसे इकट्ठे करते थे। जब विजीलैंस की टीम जसप्रीत सिंह को लेकर उक्त आफिस में गई तो पता चला कि मनिन्द्र सिंह सिद्धू की तो कुछ दिन पहले मौत हो चुकी है जो कि गांव होशियारपुर का रहने वाला था और वह स्वास्थ्य विभाग की फैमिली वैलफेयर ब्रांच में कार्यरत था।
डरा-धमका कर पैसे वसूलते थे
विजीलैंस जांच में पता चला कि मनिन्द्र सिंह सिद्धू कुछ समय पहले कमिश्नर फूड एंड ड्रग्स आफिस की खरड़ स्थित ड्रग ब्रांच में कार्यरत था। वहां पर वह फूड सेफ्टी एंड ड्रग अफसर के साथ रहता था और खुद को वह दुकानदारों के पास जा कर ड्रग इंस्पैक्टर ही बताता था। इस प्रकार जसप्रीत तथा मनिन्द्र सिंह सिद्धू दोनों मिल कर दुकानदारों से पैसे इकट्ठे करते रहते थे। आरोपी जसप्रीत की गिरफ्तारी के बाद विजीलैंस के पास और भी बहुत पीड़ित दुकानदारों की शिकायतें आई हैं जिन से ये दोनों अकसर डरा-धमका कर पैसे इकट्ठे करते थे।