डिसएबल फ्रैंडली नहीं हैं शहर की इमारतें और पार्क

Edited By Priyanka rana,Updated: 26 May, 2019 01:57 PM

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चंडीगढ़ को भले ही प्रशासन दिव्यांगों के अनुरूप बनाने का दावा कर रहा हो, लेकिन हकीकत में दिव्यांगों को लेकर हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद कोई ठोस काम नहीं हो पा रहा है।

चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ को भले ही प्रशासन दिव्यांगों के अनुरूप बनाने का दावा कर रहा हो, लेकिन हकीकत में दिव्यांगों को लेकर हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद कोई ठोस काम नहीं हो पा रहा है। पुलिस स्टेशन से लेकर शहर के पार्क और यू.टी. सैक्रेट्रीएट तक अभी डिसऐबल फ्रैंडली नहीं हो पाए हैं। 

इससे प्रशासन के तमाम दावों की पोल खुल रही है। सैक्टर-27 के पार्क में सुबह 7 बजे एक बुजुर्ग महिला सैर करने के लिए पहुंची। उनके साथ यंग अटेंडेंट थी जो उन्हें व्हील चेयर पर साथ लेकर आई थी। पार्क में रैंप नहीं था, लिहाजा पहले महिला उतरी और फिर अटैंडेंट ने व्हील चेयर को ऊपर पार्क में रखा। इसके बाद बुजुर्ग महिला ने व्हील चेयर की मदद से चलना शुरू किया। 

वहीं यू.टी. सचिवालय में बुजुर्ग आदमी किसी काम के संबंध में पहुंचता है। वह अपनी व्हील चेयर से अफसरों से मिलने नहीं जा सका। क्योंकि जैसे ही वह कार से यू.टी. सचिवालय के बैक साइड पर उतरा तो वह रिसैप्शन पर एंट्री पास बनवाने के लिए व्हील चेयर से वहां नहीं जा सका। 

यू.टी. सचिवालय की रिसैप्शन हॉफ बेसमैंट में स्थित है, जहां दिव्यांगों के जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बनाया गया। सचिवालय के फ्रंट के रास्ते से तो वह आ सकता था, लेकिन यहां वह बिना पास रिक्वैस्ट से ही अंदर जा सकता था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरू किया गया है काम :
सैक्टर-17 में स्थित वूमैन पुलिस स्टेशन जो होम गार्ड की बिल्डिंग में स्थित है में दिव्यांगों के लिए रैंप तो बनाया गया है लेकिन इसे प्रयोग करना करना संभव नहीं है। इसे यूज करने के लिए मार्शल अटैंडेंट की जरूरत है और तभी बिल्डिंग के अंदर जा सकते हैं। 

अंदर भी कोई रैंप या लिफ्ट नहीं है जिसे दिव्यांग प्रयोग कर सकें। दिव्यांग व्यक्ति वॉश रूम में या ऊपर बनी कैंटीन तक भी नहीं जा सकता। ठीक यही हालात सैक्टर-26, सैक्टर-19 और सैक्टर-34 में भी सरकारी दफ्तरों में ऐसे ही हालात हैं। एडवाइजर को शहर की कई संस्थाओं ने पार्कों, ग्रीन बैल्टों, पुलिस स्टेशनों व अन्य ऑफिसों व यू.टी. सैक्रेट्रिएट के लिए लिखा है कि जिन्हें तत्काल प्रभाव से डिसऐबल फ्रैंडली बनाया जाना चाहिए। 

सोशल वैलफेयर विभाग के सचिव बी.एल. शर्मा के मुताबिक दिव्यांगों के अनुरूप सुविधाएं देने का हाईकोर्ट से बीते दिनों आदेश मिला था, जिसके बाद प्रशासन ने इसको लेकर काम शुरू किया। कालेज-यूनिवर्सिटी व स्कूलों में हम दिव्यांगों के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। कोशिश है कि यहां डिसऐबल फ्रैडली सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जहां-जहां भी पता चल रहा है वहां ऐसी कोशिशें जारी हैं।

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