Edited By Priyanka rana,Updated: 09 Oct, 2019 08:23 AM
पंचकूला के नाडा गांव में एक आवारा कुत्ते ने तीन साल के मासूम बच्चे को बुरी तरह से नोच खाया।
पंचकूला(चंदन) : पंचकूला के नाडा गांव में एक आवारा कुत्ते ने तीन साल के मासूम बच्चे को बुरी तरह से नोच खाया। बच्चे के होठों, चेहरे, आंख और कमर में गहरे जख्म आए हैं। घटना मंगलवार को गांव नाडा में घर के बाहर खेल रहे तीन वर्षीय बच्चे पर अचानक कुत्ते ने हमला कर दिया।
बच्चे के शरीर पर 15 जख्म आए। लहूलुहान हालत में उसे पंचकूला के सैक्टर-6 स्थित सामान्य अस्पताल में लाया गया। यहां पर डॉक्टर ने बच्चे की गंभीर हालत को हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उसे पी.जी.आई. चंडीगढ़ रैफर कर दिया। यहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं, इस संबंध में नगर निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल व ई.ओ. जरनैल सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन दोनों से ही संपर्क नहीं हो पाया।
बच्चे की चीखें सुनकर आए बचाने को :
जिंदगी और मौत से लड़ रहे तीन वर्षीय बच्चे अंकुश के पिता ने बताया कि मंगलवार शाम को अंकुश घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान एक आवारा कुत्ता आया और अंकुश पर हमला कर दिया। बच्चे की चीखें सुनकर वह घर से बाहर आए और बड़ी मुश्किल से बच्चे को कुत्ते से बचाया। बच्चे का पिता मजदूरी करता है। घटना के वक्त वह घर में पत्नी के साथ घरेलू कामों में व्यस्त था। आसपास के लोगों की मदद से बच्चे को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
सूचना के बावजूद नहीं पहुंची निगम की टीम :
घटना की जानकारी नगर निगम को दे दी गई है। कुत्ते पर नजर रखी जा रही है लेकिन देर रात तक निगम की टीम गांव में नहीं पहुंची थी। घटना के बाद से गांव नाडा में दहशत का माहौल बना हुआ है और लोग अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे।
7 जुलाई की घटना से भी नहीं लिया सबक :
पंचकूला स्थित गांव हरिपुर में 7 जुलाई को लंगर खाने गई 4 साल की बच्ची पर आवारा कुत्ते ने हमला कर उसके चेहरे पर बुरी तरह से काट कर जख्मी कर दिया था। उसका पी.जी.आई. में लंबा इलाज चला था। उस घटना से भी नगर निगम ने सबक नहीं लिया और आवारा कुत्तों की समस्या पर गंभीरता नहीं दिखाई। उक्त कुत्ते का इससे पहले चार लोग शिकार हुए थे। कुत्ते ने अनन्या नामक बच्ची के गाल को बुरी तरह से जख्मी कर दिया था दिया।
तेजी से अटैक करता है वायरस :
सिविल हॉस्पिटल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर बताते हैं कि कुत्ते के काटने का वायरस शरीर में ऊपर की तरफ तेजी से पहुंचता है। अगर 24 घंटे में इंजैक्शन नहीं लगवाया तो मौत भी हो सकती है। पहला इंजैक्शन 24 घंटे में, दूसरा 3 दिन बाद, तीसरा 7 दिन बाद, चौथा 14 दिन बाद और 5वां 28वें दिन लगवाना जरूरी है। 24 घंटे में इंजैक्शन नहीं लगाया तो हाइड्रोफोबिया भी हो सकता है। इसमें पीड़ित को पानी से डर लगता है। वह प्यास लगने पर भी पानी नहीं पी पाता है। गला सूखने और पानी से डर के चलते भी उसकी मौत हो सकती है।
डॉग बाइट के आंकड़े
माह केस
जनवरी 448
फरवरी 446
मार्च 545
अप्रैल 446
मई 432
जून 345
जुलाई 237
अगस्त 310
सितम्बर 300