शहर की प्राइवेट स्पोर्ट्स अकादमी संचालकों की आर्थिक हालत खराब

Edited By Priyanka rana,Updated: 10 Jun, 2020 12:21 PM

economic condition of the city s private sports academy operators deteriorated

कोरोना महामारी के दौरान शहर में चल रही निजी स्पोर्ट्स अकादमी के संचालकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। प्रशासन ने सरकारी स्पोर्ट्स अकादमी एकल वर्ग के खिलाड़ियों को अभ्यास करने की परमिशन दे दी है।

चंडीगढ़ (लल्लन) : कोरोना महामारी के दौरान शहर में चल रही निजी स्पोर्ट्स अकादमी के संचालकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। प्रशासन ने सरकारी स्पोर्ट्स अकादमी एकल वर्ग के खिलाड़ियों को अभ्यास करने की परमिशन दे दी है। लेकिन शहर में चल रही ताइक्वांडो, कराटे, डांस, फिटनैस ट्रेनिंग सैंटर, जिम आदि को ओपन करने की परमिशन नहीं दी गई। सभी एसोसिएशन ने डी.सी. व एडवाइजर, गवर्नर को पत्र लिख कर गुहार लगा चुके हैं।

प्रशासन के नियमों को मानने के लिए तैयार हैं :
स्पोर्ट्स ताइक्वांडो एसोसिएशन के सचिव विनोद कुमार ने बताया कि प्रशासन द्वारा जारी सभी नियम को मानने के लिए सभी स्पोर्ट्स अकादमी तैयार हैं। लेकिन हमें उन्हें ओपन करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन की तरफ से निजी अकादमियों के प्रति कोई निर्णय नहीं लिया गया तो कोच व संचालकों को रोटी के लाले पड़ जाएंगे। 

ऐसे मे प्रशासन को शहर में चल रही 50 से ज्यादा अकादमियों के बारे मे सोच चाहिए। शहर में जिम, योग केंद्र, फिटनैस सैंटर, स्पोर्ट्स सैंटर, जूडो क्लब, कराटे क्लब, ताइक्वांडो क्लब, डांस अकादमी हैं। शहर के सभी निजी स्पोर्ट्स अकादमी के संचालकों ंने प्रशासन के आला अधिकारियों को 1 जून को मेल भेजे थे। लेकिन किसी भी अधिकारी का कोई जवाब नहीं आया।

कोरोना महामारी में स्पोर्ट्स महत्वपूर्ण हथियार :
सभी अकादमियों के कोच का कहना है कि कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना है, तो सबसे पहले हमें लोगों को स्वस्थ बनाने की आवश्यकता है, और सभी खेल और गतिविधियां उनकी रोग प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाकर स्वस्थ होने में मदद करेंगी शरीर को शक्तिशाली बनाएगी। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक्सरसाइज एक मजबूत हथियार साबित होगी।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!