Edited By Priyanka rana,Updated: 07 Sep, 2018 08:41 AM
2018 में एस.एफ.एस. की जीत के बाद यह बात साफ हो गई है कि स्टूडैंट कैंपस में पॉलीटिकल पार्टी नहीं स्टूडैंट से संबंधित पार्टी ही चाहती हैं।
चंडीगढ़(रश्मि) : 2018 में एस.एफ.एस. की जीत के बाद यह बात साफ हो गई है कि स्टूडैंट कैंपस में पॉलीटिकल पार्टी नहीं स्टूडैंट से संबंधित पार्टी ही चाहती हैं। इस बार कैंपस में चुनाव लड़ रही पॉलीटिकल पार्टियों को बेहद ही कम वोट पड़े हैं। कांग्रेस की एन.एस.यू.आई. सिर्फ ज्वाइंट सैक्रेटरी के पद पर ही जीत पाई है।
वहीं, भाजपा की ए.बी.वी.पी. और अकालियों की सोई किसी सीट पर चुनाव नहीं जीत पाई। हालांकि गठजोड़ में सोई ने दो सीटों पर चुनाव जीता है लेकिन गठजोड़ में वाइस प्रैजीडैंट के पद आई.एस.ए. और इनसो उम्मीदवार सैक्रेटरी के पद पर जीते हैं। गौरतलब है कि कैंपस में 2017 में सीमा आजाद के आने पर ए.बी.वी.पी. और एस.एफ.एस. के बीच तनाव की स्थिति बनी थी। एस.एफ.एस. की पार्टी वामपंथी विचारधारा की मानी जाती है।
चार उम्मीदवारों का वोटिंग ग्राफ
एस.एफ.एस. ए.बी.वी.पी. सोई एन.एस.यू.आई.
प्रैजीडैंट2802 ............ 2083 1997 1583
वाईस प्रेजिडेंट ............ 1739 3155 2227
सैक्रेटरी ............ 2180 2742 2409
ज्वाइंट सैक्रेटरी ............ 2274 2072 2357
एस.एफ.एस. को यू.आई.ई.टी., यू.आई.एल.एस. और साइंस विभागों में ज्यादा वोट पड़ें
एस.एफ.एस. ए.बी.वी.पी. सोई एन.एस.यू.आई.
विभाग कनुप्रिया आशीष राणा इकबाल सिंह अनुज सिंह
थ्री ईयर लॉ 216 150 126 52
यू.आई.एल.एस. 152 440 98 109
यू.आई.ई.टी. 123 101 111 259
जूलॉजी 99 24 13 22