Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Apr, 2018 11:01 AM
चंडीगढ़ में पहली बार बिजली विभाग के निगमीकरण की प्रक्रिया अब तेज हो चुकी है।
चंडीगढ़(विजय) : चंडीगढ़ में पहली बार बिजली विभाग के निगमीकरण की प्रक्रिया अब तेज हो चुकी है। ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेट्री कमिशन (जे.ई.आर.सी.) ने अब चंडीगढ़ इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में कंपीटैंट अथॉरिटी के सामने गंभीरता से इस मामले को रखें। साथ ही डिपार्टमैंट को निर्देश दिए हैं कि जब तक निगमीकरण करने का काम पूरा नहीं हो जाता है तब तक स्टेट लोड डिस्पेच सैंटर (एस.एल.डी.सी.) का गठन कर दिया जाए। यह निगमीकरण से अलग एक सैंटर होना चाहिए।
डिपार्टमैंट द्वारा एस.एल.डी.सी. पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी। यही नहीं, एस.एल.डी.सी. के लिए कर्मचारियों पर भी कमिशन ने अलग से निर्देश दिए हैं। कमिशन का कहना है कि एस.एल.डी.सी. के योग्य कर्मचारियों का चयन भी जल्द किया जाए। ये कर्मचारी चंडीगढ़ इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट से अलग होने चाहिए, जिससे कि डिपार्टमैंट का काम प्रभावित न हो सके। कमिशन के इन निर्देशों से यह बात साफ हो चुकी है कि जल्द चंडीगढ़ में बिजली विभाग का निगमीकरण कर दिया जाएगा। हालांकि कर्मचारी कमिशन के इस फैसले के खिलाफ हैं।
खुद जनरेट करना होगा रेवैन्यू :
जे.ई.आर.सी. चंडीगढ़ प्रशासन को बिजली विभाग के निगमीकरण करने के निर्देश पहले दे चुका है। दरअसल कमिशन का कहना है कि विभाग को वित्तीय मामले से जुड़े सभी फैसले अब खुद लेने चाहिए। इसके लिए विभाग को रेवैन्यू खुद जनरेट करना होगा।
जे.ई.आर.सी. केवल बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स के फैसलों को रैगुलेट करने का काम ही करेगा। यानि अभी तक बिजली खरीदने से जुड़े हरेक फैसले पर कमिशन का मुंह ताकने वाला बिजली विभाग सभी फैसले खुद लेगा। इससे भविष्य में प्रशासन लंबे समय के लिए पावर पर्चेजिंग की प्लानिंग भी खुद कर पाएगा।
6 माह में तैयार करो अलग वैबसाइट :
कमिशन ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि अलग से वैबसाइट तैयार की जाए, जिसमें प्रत्येक अहम जानकारियां सही समय पर अपलोड होनी चाहिए ताकि कंज्यूमर्स को प्रत्येक अपडेट के बारे में पता चलता रहे। इसके लिए कमिशन ने विभाग को 6 माह का समय और दिया है। दरअसल शहर के लोगों द्वारा सुझाव दिए गए थे कि डिपार्टमैंट को अपनी वैबसाइट अपग्रेड करनी चाहिए।