Edited By Priyanka rana,Updated: 03 Aug, 2018 01:05 PM
फॉल्ट ठीक करते हुए कर्मचारी की मौत के बाद अब प्रशासन के बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं।
चंडीगढ़(विजय) : फॉल्ट ठीक करते हुए कर्मचारी की मौत के बाद अब प्रशासन के बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं। यू.टी. पॉवरमैन यूनियन के मुताबिक ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेट्री कमिशन (जे.ई.आर.सी.) द्वारा बार-बार विभाग को निर्देश दिए जा रहे हैं कि कर्मचारियों को एडवांस सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाए जाएं।
हालांकि अब भी विभाग द्वारा सिर्फ स्कू्र ड्राइवर, प्लास, सेफ्टी बैल्ट और टेप देकर ही फील्ड में भेजा जा रहा है। जबकि नियमानुसार कर्मचारियों के पास हाईटैक उपकरण होने चाहिए। यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने बताया कि अब ऐसे स्क्रू ड्राइवर्स आ चुके हैं जिससे दो फुट की दूरी से भी यह जानकारी मिल जाती है कि आसपास करंट आ रहा है या नहीं। हालांकि विभाग ने ऐसे कई उपकरण अभी तक कर्मचारियों को नहीं दिए, जिस कारण लगातार कर्मचारियों के साथ हादसे हो रहे हैं।
प्रशासक को देंगे ज्ञापन :
यूनियन ने यह मामला अब यू.टी. के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर के समक्ष उठाने का फैसला ले लिया है। इसलिए 8 अगस्त को यूनियन का प्रतिनिधिमंडल प्रशासक को ज्ञापन सौंपेगा। इसमें कर्मचारियों को हाईटैक उपकरण प्रोवाइड करवाने की डिमांड की जाएगी। इसके अलावा ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारी के आश्रितों को पक्की नौकरी देने की भी मांग शामिल की जाएगी।
6 माह में तीसरी मौत :
उपकरण न होने और कर्मियों की कमी से बढ़ रहे हादसों पर भी प्रशासनिक अधिकारी खामोश बैठे हैं। यही वजह है कि पिछले 6 माह में 3 कर्मी जान गंवा चुके हैं। सैक्टर-25 में हरविंदर सिंह हादसे का शिकार हुए थे। सैक्टर-20 के सब-स्टेशन में काम करते हुए हेमराज का जान गई। सोमवार को लाइनमेन जगदीश चंद्र की मौत हुई थी। यही वजह है कि अब कर्मचारी मांगों को लेकर जल्द सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।