171 करोड़ की योजनाओं को JERC ने दिया झटका

Edited By Priyanka rana,Updated: 15 Nov, 2018 08:49 AM

electricity department

यू.टी. के इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट ने 2022 तक के लिए ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलैट्री कमीशन (जे.ई.आर.सी.) से 10 स्कीम्स की अप्रूवल मांगी थी।

चंडीगढ़(विजय) : यू.टी. के इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट ने 2022 तक के लिए ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलैट्री कमीशन (जे.ई.आर.सी.) से 10 स्कीम्स की अप्रूवल मांगी थी। 2021-2022 तक के बिजनैस प्लान में बताया गया कि कमीशन की ओर से तय किए गए स्टैंडर्ड को पूरा करने के लिए इन स्कीम्स का जल्द से जल्द शुरू होना जरूरी है लेकिन कमीशन ने अपने ऑर्डर में इन सभी स्कीम्स को अप्रूवल देने से इन्कार कर दिया है। 

खास बात यह है कि यह सब डिपार्टमैंट की लापरवाही की वजह से हुआ है। डिपार्टमैंट ने 2018-19 से लेकर 2021-22 तक के बिजनैस प्लान में भविष्य की 10 स्कीम्स के लिए बिना डिटेल प्रोजैक्ट रिपोर्ट (डी.पी.आर.) के ही अप्रूवल मांग ली। इस पर कमीशन ने 12 नवम्बर को जारी किए ऑर्डर में साफतौर से कह दिया है कि बिना डी.पी.आर./वर्क ऑर्डर के किसी भी स्कीम को अप्रूवल नहीं दी जा सकती। 

इसके साथ ही कमीशन ने डिपार्टमैंट को हिदायत दी है कि मल्टी ईयर टैरिफ पटीशन फाइल करते समय सभी जरूरी दस्तावेज भी अटैच किए जाएं जिससे कि स्कीम्स को अप्रूवल देते समय किसी भी प्रकार का संदेह न रहे। डिपार्टमैंट ने इन सभी स्कीम्स के लिए 171 करोड़ से अधिक का बजट तैयार किया है लेकिन जब तक कमीशन इन्हें अप्रूवल नहीं दे देता, तब तक ये शुरू नहीं किए जा सकते।

हर स्कीम की देनी होगी स्टेटस रिपोर्ट :
66 के.वी. की लाइन को अंडरग्राऊंड करने का प्रोजैक्ट डिपार्टमैंट को इस साल 30 जून तक कंप्लीट करना था लेकिन यह प्रोजैक्ट अभी तक पूरा नहीं हो पाया। इस पर कमीशन ने डिपार्टमैंट को फटकार लगाई है। हालांकि डिपार्टमैंट ने कहा है कि इस वित्त वर्ष में इसे पूरा कर लिया जाएगा लेकिन कमीशन का कहना है कि यह कोशिश रहनी चाहिए कि कंप्लीशन के समय तक उसे पूरा कर लिया जाए। इसके साथ ही कमीशन ने डिपार्टमैंट से अब हर स्कीम्स की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है।

इन योजनाओं को नहीं मिली अप्रूवल :
-9 लाख रुपए से मौजूदा बैटरी बैंक और बैटरी चार्जर को रिप्लेस किया जाए।
-हल्लोमाजरा के 220 के.वी. सब-स्टेशन से 66 के.वी. के छह आऊटगोइंग फीडर्स के लिए 76 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
-इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-2 में ट्रांसफॉर्मर को रिप्लेस किया जाना है। 4.36 करोड़ खर्च होंगे।
-इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-1 में 1.38 करोड़ से ट्रांसफॉर्मर रिप्लेस किए जाएंगे।
-14 एम.ओ.सी.बी. को बदला जाएगा। जिस पर 10.37 करोड़ का खर्चा होगा।
-पुराने 66 के.वी. के आइसोलेटर और ब्रेकर को बदलने के लिए 4.99 करोड़ खर्च होंगे।
-गैस इंसूलेटिड सब-स्टेशन के लिए 27.29 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
-66/11 के.वी. पॉवर ट्रांसफॉर्मर के लिए जी.आई.एस. पर 36.98 करोड़ खर्च होंगे।
-66/11 के.वी. हॉट स्पेयर देने के लिए 2.50 करोड़ रुपए का खर्चा किया जाएगा।
-66 के.वी. सिंगल सर्किट को डबल सर्किट में बदलने के लिए 7.37 करोड़ का खर्चा होगा।

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