Edited By Priyanka rana,Updated: 31 Aug, 2018 09:14 AM
अगर सब प्लान के मुताबिक चला तो अगले साल मानसून में सैक्टर-8 में रहने वाले लोगों को बिजली के लंबे कट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
चंडीगढ़(विजय) : अगर सब प्लान के मुताबिक चला तो अगले साल मानसून में सैक्टर-8 में रहने वाले लोगों को बिजली के लंबे कट का सामना नहीं करना पड़ेगा। चंडीगढ़ प्रशासन जल्द ही ओवरहेड बिजली की तारों को अंडरग्राऊंड करने का प्रोजैक्ट लॉन्च करने जा रहा है।
इस प्रोजैक्ट के तहत पूरे शहर में बिजली की तारों को अंडरग्राऊंड कर दिया जाएगा। जिसके लिए लगभग 2745 करोड़ रुपए का बजट एस्टिमेट तैयार किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट का बजट इतना अधिक है कि इसे फेज वाइज चलाया जाएगा। जिससे कि अचानक से वित्तीय बोझ न पड़े। प्रोजैक्ट की शुरुआत सैक्टर-8 से होगी।
केवल इसी सैक्टर में केबल्स को अंडरग्राऊंड शिफ्ट करने के लिए लगभग 18 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस प्रोजैक्ट के लिए कुछ समय पहले प्रशासन ने कंपनियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट कॉल किया था। कुल 11 कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट के लिए अप्लाई किया है। अगले महीने इन कंपनियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिंग होगी। जिसके बाद एक कंपनी को फाइनल करके प्रोजैक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
स्मार्ट ग्रिड को मिली प्रिंसीपल अप्रूवल :
बिजली से जुड़े एक और प्रोजैक्ट को मिनिस्ट्री ऑफ पावर से अप्रूवल मिल गई है। कुछ वर्षों से केवल कागजों में चल रहे स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट को मिनिस्ट्री ने प्रिंसिपल अप्रूवल दे दी है।
250 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए 70 प्रतिशत शेयर प्रशासन का है जबकि 30 प्रतिशत हिस्सेदारी मिनिस्ट्री की है। फाइनैंशियल कंडीशन को लेकर पावर ग्रिड की ओर से कुछ ऑब्जेक्शन लगाए गए थे। इसके तहत शहर में बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से हाईटैक हो जाएगा।
इसलिए महंगा होगा प्रोजैक्ट :
यह प्रोजैक्ट इतना महंगा क्यों हो रहा है? इस सवाल पर बिजली विभाग के सुपरिटेंडैंट इंजीनियर एम.पी. सिंह ने कहा कि तारों के साथ ही ट्रांसफॉर्मर्स भी रिप्लेस किए जाएंगे। दरअसल इस समय जो जिन ट्रांसफॉर्मर से काम लिया जा रहा है वे काफी पुराने हो चुके हैं। इनकी लाइफ खत्म हो चुकी है।
ऐसे में तारों को अंडरग्राऊंड करने के साथ ही नए ट्रांसफॉर्मर भी लगाए जाएंगे। एक ट्रांसफॉर्मर की कीमत लगभग 40 लाख रुपए है। जिससे इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट बढ़ती जा रही है।
अगले साल से 360 मैगावॉट अतिरिक्त बिजली :
हल्लोमाजरा में 220 के.वी. का सब-स्टेशन इस साल दिस बर में बनकर तैयार हो जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि अगले साल से इस सब-स्टेशन से भी चंडीगढ़ को बिजली की सप्लाई होने लग जाएगी।
पावर ग्रिड द्वारा तैयार किए जा रहे इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट लगभग 400 करोड़ रुपए है जो कि मिनिस्ट्री ऑफ पावर वहन कर रही है। चंडीगढ़ में इस समय तीन जगहों से 450 मैगावॉट बिजली मिल रही है। लेकिन नए सब-स्टेशन से आने वाले 15 वर्षों तक के लिए बिजली का जुगाड़ हो जाएगा।