कैमिस्ट शॉप में मिल रही ESI, हॉस्पिटल में ‘आऊट ऑफ स्टॉक’ दवाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jun, 2017 07:34 AM

esi found in chemist shop  out of stock medicines in hospital

चार माह से ई.एस.आई. डिस्पैंसरी और हॉस्पिटल में जो दवाई आऊट ऑफ स्टॉक है, वही दवाई का स्टॉक शहर की कैमिस्ट शॉप पर बिक रहा है।

चंडीगढ़ (अर्चना): चार माह से ई.एस.आई. डिस्पैंसरी और हॉस्पिटल में जो दवाई आऊट ऑफ स्टॉक है, वही दवाई का स्टॉक शहर की कैमिस्ट शॉप पर बिक रहा है। अस्पताल की सप्लाई में आया दवा यूरिमैक्स डी का बैच 60737 कई महीनों से ई.एस.आई. के ड्रग स्टोर पर खत्म है। हॉस्पिटल सप्लाई में आने वाली दवाओं के बिकने का मामला सामने आते ही ई.एस.आई. हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया। हॉस्पिटल प्रबंधन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ड्रग परचेज ऑफिसर समेत रिकार्ड खंगालने की तैयारी कर ली है। एक गरीब बुजुर्ग पेशैंट को सिटी कैमिस्ट शॉप ने जब हॉस्पिटल सप्लाई में आने वाली दवा की गोलियां बेचीं तो बुजुर्ग की शिकायत ई.एस.आई. हॉस्पिटल प्रबंधन तक पहुंची। जिसके बाद प्रबंधन ने ऐसे नैक्सस की मौजूदगी का शक जताया है जो हॉस्पिटल सप्लाई वाली दवाएं बाहर के कैमिस्ट को बेच रहा है।  

 

सिर्फ 4500 गोलियां पहुंची थीं सैक्टर-29 की डिस्पैंसरी
डिस्पैंसरी के स्टोर इंचार्ज भुवेश ने बताया कि उनकी डिस्पैंसरी के ड्रग स्टोर में पिछले चार महीनों से यूरिमैक्स डी दवाई आऊट ऑफ स्टॉक है। बैच नंबर 60737 वाली दवाई का स्टॉक डिस्पैंसरी में बीते साल सितंबर में सिपला कंपनी ने सप्लाई किया था। सप्लाई में डिस्पैंसरी को 4500 गोलियां दी थीं। उनमें से सैक्टर-23 की डिस्पैंसरी को उन्होंने दो दफा यूरिमैक्स गोलियों दी। एक दफा 300 गोलियां, जबकि दूसरी दफा 150 गोलियां। इसके अलावा वह रूटीन में ड्रग डिस्पैंसर्स को दवा देते रहे हैं इसलिए नहीं बता सकते कि कितनी गोलियां कहां गईं। उनका कहना है कि वह नहीं जानते कि सैक्टर-29 के सिटी कैमिस्ट के पास हॉस्पिटल दवाई का स्टॉक कैसे पहुंचा? '

 

सिटी कैमिस्ट शॉप के मालिक अजय अग्रवाल से पूछे सवाल
-सवाल: आपके पास हॉस्पिटल सप्लाई वाली दवा कैसे आई?
-जवाब : मुझे नहीं मालूम।
-सवाल: आपने हॉस्पिटल सप्लाई वाली दवाई पेशैंट को बेची है, बिल भी काटा है?
-जवाब : शायद नोट फॉर सेल शब्द नहीं पढ़ पाया। 
-सवाल: आपके पिता कह रहे हैं शायद कोई पेशैंट गलती से दवाई काऊंटर पर छोड़ गया था इसलिए बेच दी?
-जवाब : मेरे पिता रमेश्वर दास को पता नहीं है। याद आया, वो तो एक पेशैंट ने इस दवाई के बदले में दूसरी दवाई ली थी। यह वही दवाई थी, उसी को बेची है।
-सवाल: क्या आप हॉस्पिटल सप्लाई वाली दवाई बेच सकते हैं?
-जवाब : नहीं, हम ऐसी दवाई नहीं बेच सकते पर मैंने दवाई बेचते समय नॉट फॉर सेल चैक नहीं किया। गलती हो गई।


 

रामदरबार अस्पताल में ऐसी शिकायत पहुंची थी
सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले अस्पताल में एक महिला ने अपने पति के खिलाफ शिकायत की थी कि उसका पति रोज बीमारी का बहाना बनाकर डिस्पैंसरी में दवाइयां लेता है और उन्हें बाहर कैमिस्ट शॉप्स पर जाकर बेच देता है। उन पैसों से वह दारू पीता है और घर में हंगामा भी करता है। पत्नी और पति के बीच तलाक का केस चल रहा था। सिर्फ इतना ही नहीं हॉस्पिटल ने ऐसे पेशैंट्स पर नजर रखने के लिए डाक्टर्स की प्रिसक्रिपशन पर भी नजर रखनी शुरू कर दी थी ताकि पेशैंट्स हॉस्पिटल को धोखा न दे सकें।


 

जवाब मिला बाहर से दवा की खरीददारी कर लें 
60 वर्षीय हरिचंद को फरवरी से ई.एस.आई. के हॉस्पिटल रामदरबार और सैक्टर-29 स्थित डिस्पैंसरी से दवाई नहीं मिल रही थी। हरिचंद को मजबूरन कैमिस्ट शॉप से दवाई खरीदनी पड़ रही थी। 12 जून को रामदरबार से डाक्टर ने हरिचंद को यूरिमैक्स डी दवा खाने के लिए रिकमेंड की। हरिचंद ने पहले रामदरबार और फिर ई.एस.आई. डिस्पैंसरी से दवाई लेने की कोशिश की और हर बार की तरह जवाब मिला कि दवाई आऊट ऑफ स्टॉक है और बाहर से दवाई खरीद लें। हरिचंद ने सैक्टर-29 की कैमिस्ट शॉप सिटी कैमिस्ट से यूरिमैक्स दवाई खरीदी। सिटी कैमिस्ट ने बैच नंबर 60737 वाली यूरिमैक्स डी दवा 657 रुपए में बेची। दवाई की एक्सपायरी जून 2018 है। हरिचंद उस समय भौंचक्का रह गया जब उसने पाया कि दवाई के रैपर पर लिखा था  ई.एस.आई. सप्लाई नॉट फॉर सेल। हरिचंद ने कहा कि जब दवाई सिर्फ ई.एस.आई. वाले पेशैंट्स को मुफ्त में देने के लिए सरकार ने स्टॉक दिया है तो कैमिस्ट के पास यह स्टॉक कैसे पहुंच गया? 


 

परचेज ऑफिसर बोले-मुझे नहीं पता दवा आऊट ऑफ स्टॉक है
रामदरबार हॉस्पिटल में दवाओं के परचेज ऑफिसर जय कुमार ने कहा कि नहीं पता हॉस्पिटल सप्लाई में आने वाली यूरिमैक्स डी दवाई कब से आऊट ऑफ स्टॉक है। यह भी नहीं पता कि कैमिस्ट के पास दवाई कैसे पहुंची। जय का कहना है कि वह पिछले तीन दिन से हॉस्पिटल नहीं गए हैं इसलिए नहीं जानते कि दवाइयों के स्टॉक में क्या गड़बड़ी हुई है। 


 

सारे रिकार्ड खंगाले जाएंगे
हॉस्पिटल सप्लाई वाली दवाइयां बाहर बिक रही हैं तो जरूर कोई नैक्सस काम कर रहा होगा। हमें दवाइयों का रिकार्ड खंगालना होगा। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ पेशैंट्स ई.एस.आई. डिस्पैंसरी से दवाइयां खरीदने के बाद बाहर कैमिस्ट को कम दाम पर बेच देते हों। पहले कुछ शिकायतें मिली थीं जिसमें ई.एस.आई. के पेशैंट्स मुफ्त में दवाइयां लेने के बाद बाहर जाकर कैमिस्ट शॉप पर बेच रहे थे। बुधवार को हॉस्पिटल की दवाइयों का सारा रिकार्ड चैक किया जाएगा, उसके बाद बताया जा सकेगा कि यूरिमैक्स डी दवाई की गोलियां आऊट ऑफ स्टॉक हैंया नहीं।-डा. सुमिती, डिप्टी मैडीकल सुपरिंटैंडैंट, रामदरबार हॉस्पिटल। 

 

हॉस्पिटल सप्लाई वाली दवाई बेचना अपराध है। दवाई की दुकानें चैक की जाएंगी और जहां भी ऐसी दवाई बिकती हुई पाई गई उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।-अमित दुगगल, ड्रग इंस्पैक्टर, चंडीगढ़ प्रशासन।

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